Bruxism Disease Solution in Hindi: कई बार लोग सोते वक्त अजीब आवाजें निकालते हैं, इसका एक कारण दांत पीसना भी हो सकता है। छोटे बच्चों में दांत पीसना आम हो सकता है, लेकिन बड़ी उम्र में भी कुछ लोग इस समस्या की शिकायत करते हैं। जबड़े और सिर में लगातार दर्द रहना भी दांत पीसने के लक्षण हो सकते हैं। वैसे तो दांत पीसना काफी आम है लेकिन हेल्दियन एप पर छपी इस रिपोर्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि क्या दांत पीसने की परेशानी आपके सेहत के लिए भी है नुकसानदेह।
क्या होता है दांत पीसना- लेखिका प्रेक्षा बुट्टन की मानें तो  यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति अनजाने में अपने दांत पीसता है या अपने जबड़े को जकड़ लेता है। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति गहरी नींद में हो। यह बीमारी ब्रूक्सिस्म के नाम से भी जानी जाती है। वैसे तो यह बीमारी खुद से ही ठीक हो जाती है लेकिन अगर ऐसा न हो तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। दांत पीसने से दांतो को गंभीर समस्या झेलनी पड़ सकती है। लोगों को जहां जबड़े में दर्द और सूजन हो सकता है वहीं कुछ समय बाद जबड़े की मांसपेशियों को भी नुकसान हो सकता है।
क्या हैं दांत पीसने के लक्षण– आमतौर पर ब्रूक्सिस्म बेसुध या नींद की अवस्था में होता है इसलिए आप इस समस्या से पीड़ित हैं ये आपको याद नहीं रहता। अगर यह लम्बे समय तक रहता है तो आपके दांत कमजोर हो सकते हैं या फिर टूट सकते हैं। इस बीमारी में दांतों में सेंसिटिविटी बढ़ सकती है। इसके अलावा आपको मसूड़ों में दर्द और जबड़े में या उसके आसपास दर्द और अकड़न की शिकायत हो सकती है। लगातार सरदर्द की समस्या भी आपको हो सकती है। दांत पीसना एक नींद की बीमारी है इसलिए इससे आपको चिंता, डिप्रेशन, ईटिंग डिसऑर्डर और अनिद्रा जैसी तकलीफें भी हो सकती हैं।
क्यों पीसते हैं लोग दांत- दांत पीसने के कारण स्ट्रेस, गुस्सा, शराब के सेवन, धूम्रपान, ज्यादा कॉफ़ी/चाय पीना या थकान से जुड़ा होता है। इसके स्पष्ट कारण नहीं बताए गए हैं। कुछ गलत दवाओं का उपयोग भी इसका एक कारण हो सकता है। हालांकि, यह देखा गया है कि जो लोग अपने दाँत पीसते हैं, उन्हें अक्सर नींद की अन्य भी बीमारियां भी घेर लेती हैं। अधिकतर मामले ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया बीमारी का देखा गया है। यह एक ऐसी नींद की बीमारी है जिसमें नींद के दौरान सांस बाधित होती है। यह आपको एक अच्छी नींद के लेने में परेशानी खड़ी करती है।

इस समस्या से बचने के उपाय- माय उपचार पर छपी एक अन्य खबर में इससे बचने के उपाय बताए गए जिसके अनुसार 7 से 9 घंटे की उचित नींद लेना आवश्यक है ताकि आपकी चबाने वाली मांसपेशियां रिलैक्स हो सकें। इसके अलावा सोते समय टीवी या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग से भी बचना चाहिए। चिंता, डिप्रेशन और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सोडा, कॉफ़ी और एनर्जी ड्रिंक्स लेना बंद करें और बहुत अधिक चॉकलेट खाना भी बंद कर दें | कैल्शियम और मैग्नीशियम मांसपेशियों के कार्यों और नर्वस सिस्टम के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं | इसलिए इन्हें अपनी डाईट में शामिल करें।