नवजात शिशु के जन्म से लेकर शुरुआत के सालभर तक मां का दूध सबसे अहम पोषण माना जाता है, लेकिन अक्सर माता-पिता के मन में यह सवाल उठता है कि बच्चे को कब तक स्तनपान कराना चाहिए और क्या गाय का दूध उसके लिए सुरक्षित है? एमएएमसी के पीडियाट्रिशन और मलिक रेडिक्स हेल्थकेयर के फाउंडर डॉ. रवि मलिक ने बताया कि शिशु के पहले साल तक मां का दूध ही सबसे सुरक्षित और पोषक विकल्प है। एक साल के बाद सीमित मात्रा में गाय का दूध दिया जा सकता है, लेकिन मां का दूध जारी रखना बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता और विकास के लिए फायदेमंद है। संतुलित आहार और डॉक्टर की सलाह से ही बच्चे की डाइट तय करें, ताकि उसका विकास स्वस्थ और मजबूत हो।
जन्म से 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध है सबसे बेहतर
डॉ. मलिक के अनुसार, पहले 6 महीने तक शिशु को केवल मां का दूध ही देना चाहिए। इस दौरान बच्चे को किसी भी तरह का गाय का दूध या अन्य दूध नहीं दिया जाना चाहिए। मां के दूध में सभी जरूरी पोषक तत्व, एंटीबॉडी और विटामिन मौजूद होते हैं, जो शिशु के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और स्वस्थ विकास में मदद करते हैं।
मां का दूध उपलब्ध न हो तो ये दूध करें इस्तेमाल
अगर, किसी कारणवश मां का दूध उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो आयरन-फोर्टिफाइड शिशु फार्मूला मिल्क का इस्तेमाल करना चाहिए। 6 महीने से 1 साल तक इस दूध के साथ में दें सॉलिड फूड दें। 6 महीने बाद शिशु को मां के दूध के साथ-साथ पूरक आहार देना शुरू करें। इसके अलावा दलिया, खिचड़ी, फल-प्यूरी जैसे हल्के और पौष्टिक फूड्स धीरे-धीरे डाइट में शामिल करें। वहीं, ध्यान रहे कि गाय का दूध अभी भी न दें, क्योंकि इससे पाचन संबंधी समस्या और आयरन की कमी हो सकती है।
1 से 2 साल तक
डॉ. मलिक के मुताबिक, बच्चे के पहले जन्मदिन के बाद भी मां का दूध जारी रखा जा सकता है। अब आप बच्चे को पाश्चराइज्ड फुल क्रीम गाय का दूध सीमित मात्रा में पिला सकते हैं। रोजाना 16 से 24 आउंस यानी लगभग 2–3 कप से ज्यादा गाय का दूध न दें। गाय का दूध अधिक मात्रा में देने से आयरन के अवशोषण में बाधा आती है, जिससे आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया हो सकता है।
2 साल से बड़े बच्चों के लिए
दो साल की उम्र के बाद बच्चे को लो-फैट या स्किम्ड मिल्क दिया जा सकता है। गाय का दूध कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। इसके साथ ही बच्चे की डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल करना जरूरी है, ताकि सभी जरूरी पोषक तत्व मिल सकें।
किन बातों का रखें ध्यान
हर बच्चे की जरूरत अलग होती है। इसलिए डाइट शुरू करने से पहले अपने पीडियाट्रिशन यानी एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए। जिन बच्चों को गाय के दूध से एलर्जी है, उनके लिए फोर्टिफाइड सोया मिल्क एक अच्छा विकल्प है। बादाम या ओट मिल्क जैसे अन्य प्लांट बेस्ड दूध चुनने से पहले उनके पोषण मूल्य को अच्छी तरह देखें। इसके अलावा बच्चों को फ्लेवर्ड मिल्क, सोडा, पैकेज्ड जूस जैसे शुगर युक्त पेय न दें। ये मोटापा और दांतों की सड़न का कारण बन सकते हैं।
वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।