आंखें हमारी बॉडी का अहम हिस्सा है जिनकी हेल्थ का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। हम अपनी आंखों से नॉन स्टॉप काम लेते हैं और उसकी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। 10-12 घंटे स्क्रीन के साथ गुजारना, उसके बाद मोबाइल और गैजेट्स के साथ वक्त गुजारने से आंखों कमजोर होने लगती है। उम्र बढ़ने पर आंखों का कमजोर होना कोई नई बात नहीं है लेकिन कम उम्र में आंखों से धुंधला दिखाई देना बेहद चिंता का विषय है।
आंखों से धुंधला दिखाई देना या ब्लर विजन की समस्या एक ऐसी परेशानी है जिसमें दृष्टि धुंधली हो जाती है। ब्लर विजन होने पर आप जो चीजें देखते हैं वह स्पष्ट नहीं दिखती। धुंधली दृष्टि की समस्या एक या दोनों आंखों में हो सकती है। इस परेशानी के लिए आंखों की कंडीशन और मेडिकल कंडीशन दोनों जिम्मेदार है। आइए जानते हैं कि धुंधली दृष्टि का कारण क्या है और इस बीमारी से बचाव के लिए कौन-कौन से उपाय कर सकते हैं।
आंखों की समस्या कैसे ब्लर विजन के लिए है जिम्मेदार?
- refractive errors ये आंख की ऐसी समस्या है जो आंखों के प्रकाश पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित करती हैं। इस परेशानी में निकट दृष्टि, दूर दृष्टि शामिल है।
- ड्राई आई सिंड्रोम
- मोतियाबिंद
- उम्र से संबंधित धब्बेदार अध:पतन
- आंख में संक्रमण, आंख में चोट या कॉर्निया को नुकसान पहुंचना
- रेटिना से जुड़ी समस्याएं, जैसे डायबिटिक रेटिनोपैथी होना शामिल है।
किन बीमारियों की वजह से आंखों से दिखता है धुंधला?
- मेडिकल कंडीशन जो धुंधली दृष्टि का कारण बन सकती हैं उनमें शामिल हैं
- डायबिटीज या ब्लड शुगर का नीचे गिरना
- माइग्रेन, सिर में चोट या आघात
- गर्भवती हैं तो प्री-एक्लेमप्सिया (हाई ब्लड प्रेशर)।
- सोरायसिस (स्किन की स्थिति जो कभी-कभी आंखों को भी प्रभावित कर सकती है)
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस
- पार्किंसंस रोग
- स्ट्रोक या ब्रेन ट्यूमर की वजह से भी आंखों से धुंधला दिखाई देता है।
धुंधला दिखाई देता है तो कैसे करें बचाव
- अगर आपको आंखों से धुंधला दिखाई देता है तो आप आंखों में आई ड्रॉप, चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस, लेजर आई सर्जरी या डॉक्टर की बताई गई दवाओं का सेवन करें।
- आप नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं और आंखों को होने वाली बड़ी परेशानी से बचें।
- लाइफस्टाइल में बदलाव करें और हेल्दी डाइट का सेवन करें। डाइट में ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें।
- यदि आपकी दृष्टि अचानक धुंधली हो जाए तो आपको तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।
- नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं। अगर आपको आंखों की कोई बीमारी नहीं है या कोई खतरा नहीं है, तो हर 2 साल में नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच कराएं।
- अपनी आंखों को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाएं। यूवी किरणों से बचाव के लिए धूप का चश्मा और टोपी पहनें।
- डाइट में एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन और खनिजों से भरपूर फूड्स का सेवन करें।
- धूम्रपान छोड़ें।