देश में लगातार हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अधिक तनाव, काम का प्रेशर, किसी फिजिकल एक्टिविटी में भाग ना लेना, खराब खानपान और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण लोग हाई बीपी के शिकार हो जाते हैं। मेडिकल भाषा में हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति को हाइपरटेंशन कहते हैं। हाई बीपी यानी उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर भी कहा जाता है, क्योंकि इसके कोई लक्षण सामने नहीं आते। लेकिन जब मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अधिक हो जाती है तो इसके कारण हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, रोटिनोपैथी और किडनी फेलयिर जैसी जानलेवा बीमारी की चपेट में आने का खतरा भी बढ़ जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण: हाई बीपी के मरीजों को घबराहट, चक्कर, बेचैनी, अचानक धुंधला दिखाई देना, आंखों की रोशनी में दिक्कत महसूस होना, सिरदर्द, छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, पैरों पर सूजन, उल्टी या फिर जी मिचलाना और कंफ्यूजन जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को दौरे पड़ते हैं, उनकी स्किन पर लाल रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं। यह भी हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण होते हैं। अगर आपको यह लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
हाई बीपी की रेंज: एक स्वस्थ व्यक्ति में बीपी की नॉर्मल रेंज 120/80 mmhg होती है। लेकिन अगर यह स्तर सामान्य से बढ़कर 140/90 mmhg हो जाए या फिर उससे अधिक चला जाए तो यह उच्च रक्तचाप की स्थिति कहलाती है। अगर समय रहते आप हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों को पहचान लेते हैं तो आप इस समस्या पर काबू पा सकते हैं।
बचाव के उपाय:
बर्फ से करें सिकाई: हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो अगर आपका ब्लड प्रेशर अचानक से बढ़ गया है तो इस पर काबू पाने के लिए रीढ़ की हड्डी की बर्फ से सिकाई करना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए एक सूती कपड़े में बर्फ को बांध लें। फिर मरीज को पेट के बल लिटाकर इस कपड़े से उसकी रीढ़ की हड्डी की सिकाई करें। इस नुस्खे को अपनाने से बीपी को कम करने में मदद मिलती है।
पोटेशियम: स्वास्थ्य विशेषज्ञ हाई बीपी के मरीजों को अपनी डाइट में पोटैशियम युक्त चीजें शामिल करने की सलाह देते हैं। उच्च रक्तचाप से ग्रस्ति लोग अपने खाने में अलसी के बीज, केला और एवोकाडो आदि को शामिल कर सकते हैं।