आज के समय में डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी एक बड़ी समस्या बन गई है। आरामदायक जीवनशैली और अनियंत्रित खानपान के कारण कम उम्र के लोग भी इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना काफी आवश्यक होता है। क्योंकि, ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने से हार्ट स्ट्रोक, ब्रेन स्ट्रोक, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर और किडनी से संबंधित बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
बता दें, शरीर का नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 70-99 mg/dl के बीच होता है। वहीं, उम्र के हिसाब से भी शरीर में ब्लड शुगर लेवल अलग-अलग होता है। अगर व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर लेवल की मात्रा 200 से 400 mg/dl के बीच होती है, तो यह खतरनाक स्थिति मानी जाती है, मेडिकल टर्म में इसे हाइपरग्लाइसीमिया कहते हैं। वहीं, लो ब्लड शुगर लेवल को हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है।
लो ब्लड शुगर लेवल के संकेत: शरीर में जब शुगर लेवल की मात्रा कम होने लगती है, तो इससे सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, धड़कन बढ़ना, मूड स्विंग्स, घबराहट होना, बिना वजह थकान, त्वचा पीली पड़ना, भूख लगना, चक्कर आना, कमजोरी, बोलने में कठिनाई, पसीना आना, सोने में कठिनाई, त्वचा में झुनझुनी और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत जैसी समस्याएं आने लगती हैं।
हाई ब्लड शुगर लेवल: जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे वजन घटना, तनाव, थकावट, किडनी संबंधित परेशानी, दिल से जुड़ी बीमारियां, आंखों की रोशनी धुंधली होना, बार-बार प्यास लगना, लगातार पेशाब आना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसी के साथ अगर स्थिति गंभीर हो जाए, तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के कारण मल्टीपल ऑर्गन फेलियर, ब्रेन स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने की संभावना भी बढ़ जाती है।
कैसे करें ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल: शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव के जरिए किया जा सकता है। खून में शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए, क्योंकि, यह शरीर से एक्स्ट्रा शुगर को बाहर निकाल देता है।
इसके अलावा लो शुगर वाले फूड्स खाने चाहिए। जिनका शुगर लेवल लो रहता है। उन्हें हमेशा अपने पास कैंडी और चॉकलेट्स रखने चाहिए। इसके अलावा समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।