Diabetes Type 2 Blood Sugar Level: खानपान में लापरवाही और फिजिकल फिटनेस की कमी से जीवन शैली से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं। इनमें सबसे ऊपर डायबिटीज का नाम आता है जो शुगर लेवल बढ़ने के कारण लोगों को अपनी चपेट में लेती है। देश में करीब 77 मिलियन लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। डायबिटीज मुख्य रूप से 3 प्रकार की होती है जिसमें टाइप 1, टाइप 2 और जेस्टेशनल डायबिटीज शामिल है।
वर्तमान समय में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार मधुमेह के लगभग 95 फीसदी मरीज टाइप 2 के मरीज हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक भारत में 9.8 करोड़ लोग टाइप 2 डायबिटीज के घेरे में होंगे। ऐसे में आइए जानते हैं टाइप 2 डायबिटीज के बारे में –
टाइप 2 डायबिटीज में कितना होता है शुगर लेवल: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (A1C) टेस्ट के जरिये टाइप 2 डायबिटीज की पहचान हो सकती है। इसके परिणामों के मुताबिक 5.7 प्रतिशत से कम आना सामान्य होता है, जबकि 5.7 से 6.4 फीसदी रिजल्ट आने पर प्रीडायबिटीज करार दिया जाता है। वहीं, अगर इसका नतीजा 6.5 परसेंट या उससे अधिक हो तो ये डायबिटीज टाइप 2 की ओर इशारा करता है।
इसके अलावा, रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट के जरिये भी डायबिटीज का पता लगाया जा सकता है। अगर रिपोर्ट्स में शुगर लेवल 200 mg/dL उच्च रक्त शर्करा का स्तर माना जाता है। वहीं, फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट में यदि रक्त शर्करा का स्तर 126 mg/dL या उससे अधिक आता है तो वो टाइप 2 डायबिटीज का लक्षण हो सकता है।
कैसे समझें टाइप 2 डायबिटीज बीमारी को: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक नॉर्मल बॉडी में अग्नाशय यानी पैन्क्रियाज इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन करते हैं। इस हार्मोन के सक्रिय होने से ब्लड में मौजूद शुगर लेवल को बॉडी सेल्स इस्तेमाल करते हैं। इंसुलिन शरीर में शुगर लेवल की अधिकता नहीं होने देता है।
लेकिन टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों का शरीर इंसलिन के प्रति रिस्पॉन्ड नहीं कर पाता है। इस कारण से ब्लड में ग्लूकोज ज्यादा मात्रा में पहुंचने लगता है और स्वास्थ्य परेशानियां बढ़ने लगती है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस बीमारी के मुख्य कारण खराब जीवन शैली, मोटापा, ब्लड प्रेशर, स्ट्रेस और नींद की कमी है।
जानें इस रोग के लक्षण:
वजन में गिरावट
घाव-फोड़ों को ठीक होने में अधिक समय लगना
थकान
कमजोरी
भूख प्यास की अधिकता
बार-बार पेशाब लगना
मूड स्विंग्स
स्किन में खुजली