शरीर में ब्लड शुगर का बढ़ना जितना खतरनाक है उतना ही खतरनाक है उसका घटना यानि की कम हो जाना। अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज की मानें तो जब खून में ग्लूकोज की मात्रा 70 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर (mg/dL) से कम हो जाती है तो इसे ही लो ब्लड शुगर माना जाता है।
अमेरिकी वेबसाइट हेल्थलाइन के मुताबिक हमारे मस्तिष्क समेत शरीर में जितनी भी कोशिकाएं मौजूद हैं सभी को कार्य करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है। मानव शरीर में खून में मौजूद शुगर यानि ग्लूकोज (Glucose) ही इन कोशिकाओं को ऊर्जा देने का कार्य करता है।
बता दें कि इंसुलिन एक तरह का हार्मोन है जो कोशिकाओं की मदद करता है ताकि वे ग्लूकोज को अवशोषित कर पाएं। वहीं जब रक्त में ग्लूकोज की मात्रा कम हो जाती है तो इसे ही हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। आइए जनते हैं हाइपोग्लाइसीमिया यानि लो ब्लड शुगर क्या है और इसके लक्षण व बचाव के तरीके क्या हैं?
शुगर कम होने के लक्षण
- जी मिचलाना
- हाथ-पैर कांपना
- त्वचा का पीला पड़ना
- सिर में दर्द महसूस होना
- झुनझुनी महसूस करना
- सिर घूमना या चक्कर आना
- अचानक ज्यादा भूख लगना
- अचानक से मूड चेंज हो जाना
- बहुत अधिक पसीना निकलना
- स्पष्ट रूप से सोचने में कठिनाई होना
- देखने में समस्या होना, धुंधला नजर आना
- सोने में दिक्कत महसूस होना, नींद न आना
- बहुत अधिक घबराहट और नर्वसनेस फील होना
- दिल की धड़कन तेज़ हो जाना यानी हार्ट बीट का तेज हो जाना
- बिना वजह, बिना ज्यादा काम किए बहुत अधिक थकान लगना
- गंभीर लक्षणों में अचानक दौरे पड़ना या मरीज का कोमा में चले जाना शामिल है
अगर ब्लड शुगर लेवल खतरनाक रूप से कम हो जाएं मतलब कि 50 mg/dl से भी कम हो जाए तो व्यक्ति बेहोश भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में कई बात व्यक्ति को दौरा पड़ सकता है और कोमा में भी जा सकता है।
शुगर कम होने के कारण
डायबिटीज या मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के बॉडी में सामान्य रूप से ज्यादा ब्लड शुगर का लेवल रहता है। ऐसे में उन्हें लेवल को नियंत्रित करने के लिए टेबलेट और इन्सुलिन (insulin) के इंजेक्शन भी लेने पढ़ते हैं। लेकिन कई बार इन सब दवाओं का सबसे आम साइड इफ़ेक्ट हाइपोग्लाइसीमिया (hypoglycemia) मतलब कि लो शुगर लेवल होता है। इसके अलावा भी कई ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से शुगर लेवल गिर सकते हैं।
- उलटी होना
- खाना न खाना / भूख न लगना
- जब आपके दवा या इन्सुलिन की सही मात्रा तय की जा रही हो
- अगर आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही हो, तब भी आपका ब्लड शुगर कम हो जाएगा
- खुद को ठीक मात्रा में इंसलिन न लगा पाना (खास तर अगर मरीज़ को ठीक से दिखाई न देता हो)
शुगर कम होने का इलाज
कई बार हमारा शुगर लो जाता है, ऐसी स्थिति में ऊपर बताए गए लक्षण आप में महसूस हो रहे हैं तो मशीन की सहायता से अपना शुगर लेवल टेस्ट करे लें। यदि आपके पास शुगर नापने की मशीन नहीं है और आपको लक्षण महसूस हो रहे हैं तो कोई आसानी से पच जाने वाला कार्बोहायड्रेट (carbohydrate) जिससे तुरंत आपके शरीर को शुगर मिले, वैसा कोई पदार्थ खाएं (जिसकी सूची नीचे लिखी है)।
- टॉफ़ी (toffee)
- चॉकलेट (chocolate)
- शहद (honey)
- ग्लूकोस पाउडर या पानी (glucose powder)
- किसी प्रकार का जूस (juice)
इन सबके अलावा नियमित रूप से ऐसा भोजन करें जिसमें कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स भी शामिल हो। एक्सरासइज करने से पहले कार्बोहाइड्रेट से भरपूर स्नैक खाएं। यदि अक्सर आपका शुगर लो हो जाता है तो अपने साथ चीनी वाले फ्रूट जूस या कैंडी बार हमेशा रखें ताकि अगर कभी लक्षण नजर आएं तो आप इनका सेवन कर सकें।