बॉलीवुड एक्ट्रेस बिपाशा बसु (Bipasha Basu) भले ही अब फिल्मी दुनिया से दूरी बना चुकी हैं, लेकिन अपनी पर्सनल लाइफ के चलते अदाकारा आए दिन सुर्खियों का हिस्सा बनी रहती हैं। बिपाशा फिलहाल मदरहुड लाइफ को एन्जॉय कर रही हैं। बीते साल ही बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर शादी के 6 साल बाद माता-पिता बने है। उन्होंने एक प्यारी बेटी ‘देवी’ को जन्म दिया है। अदाकारा आए दिन अपनी नन्ही परी कि झलक इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर करती रहती हैं। हालांकि, हाल ही में उन्होंने अपनी बेटी को लेकर एक ऐसा खुलासा किया है, जिसे सुनने के बाद हर कोई दंग रहा है।
क्या है पूरा मामला?
बीते दिन एक्ट्रेस और अपनी करीबी दोस्त नेहा धूपिया (Neha Dhupia) संग इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान बिपाशा ने खुलासा करते हुए बताया कि उनकी बेटी देवी के दिल में दो छेद थे। बातचीत के दौरान बिपाशा काफी इमोशल हो गईं। अदाकारा ने नम आंखों और भारी आवाज के साथ बताया कि इस बारे में उन्हें देवी के जन्म के तीसरे दिन पता चला था। बिपाशा ने कहा, ‘हमारी जर्नी नॉर्मल पैरेंट्स से बिल्कुल अलग रही है। हमारी हंसी के पीछे एक ऐसा दर्द छुपा था, जिसे हम दुनिया के साथ शेयर नहीं करना चाहती थे। मैं नहीं चाहूंगी कि किसी मां के साथ ऐसा हो। मुझे मेरी बच्ची के जन्म के तीसरे दिन पता चला था कि उसके दिल में दो छेद हैं। पहले तो हमें यह भी समझ नहीं आया कि वीएसडी क्या है। इसके बारे में पता चलते ही हम दोनों सुन्न पड़ गए थे।’
अदाकारा ने कहा, ‘हमने सोच लिया था कि हम इस बात को परिवार के लोगों के साथ भी शेयर नहीं करेंगे और धूमधाम से देवी का स्वागत करेंगे, लेकिन मैं और करण खुश होकर भी खुश नहीं थे। वो पल हमारे लिए सबसे मुश्किल था। आज 8 महीने बाद में इसे बता रही हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि बहुत सारी मां हैं जिन्होंने इस यात्रा में मेरी मदद की। देवी अब ठीक है, पिछले 3 महीने हमारे लिए अच्छे थे, लेकिन उससे पहले 5 महीने हमारे लिए बहुत मुश्किल थे।’
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क्या है वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (वीएसडी)?
बच्चे के दिल में छेद की समस्या को वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट या VSD कहा जाता है। दरअसल, जब मां के गर्भ में शिशु के अंगों की संरचना होती है, तो उसी दौरान दिल भी बनता है। इस बीच विकास में अगर किसी तरह का दोष है, तो इसका असर दिल में छेद या दूसरी बीमारियों के रूप में नजर आता है।
किन बच्चों को है अधिक खतरा?
- हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुतबाकि, वैसे तो ये समस्या किसी भी बच्चे के जन्म के दौरान देखने को मिल सकती है, लेकिन डायबिटीज से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के बच्चों में जन्म से ही हार्ट से जुड़े डिफेक्ट्स होने का खतरा अधिक रहता है। डायबिटीज में पैंक्रियाज से निकलने वाले हार्मोन इंसुलिन की मात्रा को कम करने लगता है। इसका सीधा असर शिशु के विकास पर भी पड़ता है।
- इसके अलावा गर्भवावस्था के दौरान गलत खानपान का असर भी बच्चे के दिल पर पड़ सकता है। प्रेगनेंसी में शराब पीने से बच्चे को सीएचडी की दिक्कत हो सकती है।
पीड़ित बच्चे में दिख सकते हैं ये लक्षण
- वीएसडी से पीड़ित बच्चों की ग्रोथ स्वस्थ बच्चों के मुकाबले बेहद धीमी होती है।
- पीड़ित बच्चों को बार-बार फेफड़ों का संक्रमण होना भी वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट का लक्षण हो सकता है।
- इसके अलावा बच्चों को अचानक से तेज पसीना आना और खेलते ही थकावट महसूस होना,
- शरीर का तापमान अक्सर ज्यादा रहना,
- मिल्कफीड के समय बच्चों का रोना और सांस लेने में दिक्कत महसूस होना,
- बोलते हुए सांस फूलना,
- शरीर का पीला होना और होठों के आसपास नीला पड़ना, आदि लक्षण भी वीएसडी के हो सकते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।