बदलते मौसम में बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है जो उन्हें विभिन्न मौसमी बीमारियों के प्रति संवेदनशील बना देती है। सर्दी, जुकाम और खांसी जैसे लक्षण इस समय आम हो जाते हैं और बच्चों के लिए बेहद परेशान करने वाले हो सकते हैं। ठंडी हवाएं और अचानक तापमान में बदलाव बच्चों की इम्यूनिटी पर असर डालता हैं। सर्द मौसम में होने वाला मौसमी बदलाव, गीली और ठंडी हवा और अधिक समय तक बंद कमरे में रहने से बच्चों को सर्दी-जुकाम और खांसी परेशान करती है। इसके अलावा बच्चों के हाथों और मुंह के जरिए बैक्टीरिया और वायरस आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और उन्हें बीमार बना देते हैं।

सर्दियों में बच्चों में नाक बहना, गला खराश, छींकें, हल्का बुखार और खांसी आम लक्षण होते हैं। अगर समय रहते ध्यान न रखा जाए तो ये सामान्य लक्षण गंभीर संक्रमण में बदल सकते हैं। बदलते मौसम में सर्दी खांसी से बचाव करने के लिए किसी जहरीले कफ सिरप का सेवन नहीं करें बल्कि कुछ आयुर्वेदिक हर्बल रेमेडीज़ का सहारा लें। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर रूपाली जैन ने बताया मौसम में बदलाव के दौरान बच्चों की सेहत का खास ध्यान रखना और उनकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना बेहद जरूरी है ताकि सर्दी, जुकाम और खांसी जैसी समस्याओं से उन्हें राहत मिल सके। कुछ टिप्स बच्चों को बिना कफ सिरप के सर्दी खांसी से राहत दिला सकते हैं। आइए जानते हैं कि सर्दी खांसी का नेचुरल तरीके से कैसे इलाज करें।

दूध के साथ मिलाएं ये चीजें

बच्चे दूध शौक से पीते हैं इसलिए उन्हें अकेले दूध नहीं पिलाएं बल्कि दूध में जड़ी बूटी मिलाकर दूध पिलाएं। कोशिश करें कि बच्चे को दूध सुबह के बजाय दोपहर को पिलाएं। दूध में हल्दी, तुलसी, दालचीनी, लौंग मिलाकर दें। इस तरह से दूध पिलाने से बच्चे को कफ बढ़ने की संभावना कम होती है और बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ती है।

दूध के साथ वर्धमान पिपली दें

बच्चे को सर्दी खांसी से निजात दिलाना चाहते हैं तो आप आधी से एक छोटी पिपली हल्की क्रश करके दूध और पानी में उबालें। धीरे-धीरे पिपली की मात्रा बढ़ाएं। ये देसी नुस्खा कफ कम करता है और पाचन में भी सुधार करता है।

आयुर्वेदिक औषधियां करेंगी इलाज

अगर आप सर्दी खांसी से बच्चे का बचाव करना चाहते हैं तो आप हल्दी, मुलेठी, हरड़ा और जायफल का पेस्ट हल्के गुनगुने पानी में बनाकर बच्चे के माथे या चेस्ट पर लगाएं इससे बच्चे को फायदा होगा। आप छोटे बच्चों के लिए ग्रीन टी बनाकर उसमें तुलसी, लौंग, काली मिर्च, दालचीनी और अदरक डालें और उसे पिलाएं बच्चे को फायदा होगा।

तेल से करें मसाज

नाक और साइनस के लिए तेल और सेक बेहद असरदार साबित होती है। तिल या सरसों के तेल से हल्की मसाज करें। अजवाइन या नमक की पोटली हल्का गर्म करके सेक दें। ये साइनस में जमा कफ निकालने में मदद करता है।

इन चीजों से रखें बच्चे को दूर

मीठे और खट्टे फल कफ बढ़ाते हैं, इसलिए सुबह बच्चे को नहीं दें। दोपहर के समय कम मात्रा में फल दें। दूध और फल को एक साथ नहीं दें, इनके बीच 2-3 घंटे का अंतर रखें। फलों पर थोड़ा जीरा या ब्लैक पेपर पाउडर डाल सकते हैं।  चॉकलेट कफ बढ़ाती हैं बच्चों को परहेज कराएं।  

क्या रोजाना कच्चा प्याज खाने से डायबिटीज की दवा का डोज़ कम हो सकता है? एक्सपर्ट से पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो लिंक पर क्लिक करें।