Ayurvedic Tips For Kidney: शरीर को पूरी तरह सेहतमंद रखना है, तो किडनी को भी स्वस्थ रखना पड़ेगा। दरअसल, किडनियों का काम आपके खून से गंदे पदार्थों को छानकर बाहर निकालना है। इसके अलावा शरीर से अतिरिक्त पानी निकालना और शरीर में जमा अन्य विषाक्त पदार्थों को यूरिन के द्वारा बाहर निकालने में मदद करती है। इतना ही नहीं किडनी ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के साथ रेड ब्लड सेल्स बनाना और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करती है। ऐसे में किडनी ही आपको हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, हड्डियों से जुड़े रोग, खून की कमी जैसी गंभीर बीमारियां से आसानी से बचा सकती है। इसलिए किडनी का हेल्दी रहना बेहद जरूरी है। है। ऐसे में अगर किडनी ठीक से काम नहीं करती हैं , तो व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कर्मा आयुर्वेद के डायरेक्टर और फाउंडर डॉ पुनीत के अनुसार, आयुर्वेद के बरसों पुराने और प्रमाणित तरीकों से इस संतुलन को बनाए रखने के टिप्स मिलते हैं। जीवनशैली में साधारण लेकिन प्रभावी बदलावों से किडनी की आम बीमारियों से बचा जा सकता है।
समय-समय में पीते रहें पानी
आयुर्वेद में किडनी की सेहत सही रखने के लिए पानी की पर्याप्त मात्रा यानी हाइड्रेशन को बहुत जरूरी बताया गया है। दिनभर पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी पीने से शरीर से जहरीले तत्व बाहर निकलते रहते हैं। इससे यूरिनरी सिस्टम सही काम करता है, जिससे किडनी भी हेल्दी रहती है।
हेल्दी डाइट है जरूरी
संतुलित भोजन रही आयुर्वेद का आधार है। आयुर्वेद के अनुसार किडनी को हेल्दी रखने के लिए अपनी डाइट में ताजे और संपूर्ण भोजन को शामिल करें। खाने में फलों और सब्जियों की मात्रा अधिक होनी चाहिए, जबकि प्रोसेस्ड और जंक फूड से बचना चाहिए। फाइबर से भरपूर और कम सोडियम वाली डाइट से किडनी की बीमारियां दूर रहती हैं। इससे डाइजेस्टिव और रीनल सिस्टम को सहारा मिलता है।
तनाव कर सकता है किडनी को ठप
आयुर्वेद के अनुसार, तनाव का बुरा असर किडनी पर पड़ता है। इसलिए उन तरीकों को निकालना चाहिए जिससे तनाव कम हो। ऐसे में आप चाहे तो योग, मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा गहरी सांस लेने के व्यायाम भी शामिल करें। इन तरीकों से तनाव तो कम होगा ही इसके साथ ही ब्लड-प्रेशर का नियंत्रण भी होगा, क्योंकि ब्लड-प्रेशर बढ़ने से धीरे-धीरे किडनी को नुकसान पहुंचने लगता है।
वजन पर नियंत्रण
मोटापे से भी किडनी पर दबाव पड़ता है, जिससे किडनी की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। सोच-समझकर खाने-पीने और नियमित रूप से व्यायाम जैसे आयुर्वेद के तरीकों से वजन को सही रखने में मदद मिलती है। इन तरीकों से न केवल किडनी को फायदा मिलता है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य हासिल होता है।
पेनकिलर का ज्यादा इस्तेमाल नहीं
कुछ ओवर-द-काउंटर पेन किलर को जरूरत से ज्यादा लेने पर ये किडनी पर बुरा असर डालती हैं। इसलिए आयुर्वेद में दर्द से राहत के लिए प्राकृतिक तरीकों और आयुर्वेदिक चिकित्सक के पास जाने की सलाह दी जाती है।
जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करें
अगर आप अपनी किडनी को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सहारा भी ले सकते हैं। ऐसे में आप चाहे, तो पुनर्नवा, गोक्षुरा और वरुण आदि का सेवन कर सकते हैं। किसी रजिस्टर्ड आयुर्वेदिक डॉक्टर की निगरानी में इन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल किया जाए, तो प्राकृतिक तरीके से किडनी को सेहतमंद रखा जा सकता है।
अल्कोहल और कैफीन से बचें
अल्कोहल और कैफीन से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इससे किडनियों पर दबाव पड़ता है। इन पदार्थों को उचित मात्रा में लेना किडनी के लिए फायदेमंद होता है।
बस बैठे ही न रहें
आयुर्वेद में नियमित शारीरिक गतिविधि को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी बताया गया है। योग और दूसरे हल्के-फुल्के व्यायाम करने से सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे किडनी अच्छी तरह काम करती रहती है और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा मिलता है।
आराम का समय निकालें
संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद लेना महत्वपूर्ण है। इस तरह, किडनी की सेहत भी सही बनी रहती है। सुनिश्चित करें कि आपके शरीर को भरपूर आराम मिले, जिससे किडनी खुद ही अपनी मरम्मत कर सकें।
