यूरिक एसिड एक ऐसी समस्या है जो एक बार हमारे शरीर में बढ़ जाए तो कई स्वास्थ्य समस्या पैदा करना शुरू कर देता है। शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने से किडनी स्टोन, गठिया (Gout), जोड़ों में दर्द आदि जैसी दर्दनाक समस्या हो जाती हैं, जो जीवन भर हमें परेशान कर सकती है। ऐसे में यूरिक एसिड को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है।  कपिल त्यागी आयुर्वेद क्लिनिक के डायरेक्टर, कपिल त्यागी ने यूरिक एसिड कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय बताए हैं। जिनकी मदद से यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है।

यूरिक एसिड के लिए इन 3 चीजों का करें सेवन

  • अजवाइन
  • अश्वगंधा
  • नीम

अजवाइन

अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं और गाउट के खतरे को कम करते हैं। इसके अलावा अजवाइन में ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है, यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल में रखता है। यह यूरिक एसिड को प्राकृतिक रूप से बाहर निकालने में मदद करती है। यूरिक एसिड के लिए 1 चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में उबालें और दिन में दो बार इस पानी को पिएं।

अश्वगंधा

अश्वगंधा स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है। आयुर्वेद में इसे एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी माना जाता है, जो शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है। यह यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के साथ ही जोड़ों के दर्द से राहत के लिए भी लाभकारी होती है। गिलास गर्म पानी या दूध में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिलाकर दिन में एक बार पिएं। इससे सेहत को बहुत फायदा मिलेगा।

नीम

नीम में कई औषधीय गुण होते हैं। नीम न सिर्फ यूरिक एसिड के लिए अच्छा है, बल्कि नीम से कई बीमारियां का इलाज किया जाता है। नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भरपूर मात्रा में होते हैं, जो इसे गाउट के इलाज के लिए लाभकारी होती है। ऐसे में दर्द और सूजन कम करने के लिए प्रभावित हिस्से पर नीम का पेस्ट लगाएं। इससे बहुत राहत मिलेगी।

सेब का सिरका

सेब का सिरका यूरिक एसिड को कम करने के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है। इसमें मौजूद मैलिक एसिड यूरिक एसिड को घोलने में मदद करता है, जिससे यह शरीर से बाहर निकल जाता है। एक गिलास गुनगुने पानी में 1-2 चम्मच सेब का सिरका मिलाएं। सेब का सिरका पाचन के लिए भी अच्छा होता है।

यूरिक एसिड क्या है?

दरअसल, हम जो खाना खाते हैं उसमें प्यूरीन नामक केमिकल होता है, जिससे यूरिक एसिड बनाता है और ये यूरिक एसिड पेशाब के जरिए बाहर निकलता है। जब शरीर में प्यूरीन का मेटाबॉलिज्म सही तरीके से नहीं हो पाता, तो यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। यह एसिड शरीर से बाहर निकलने की बजाय जोड़ों में जमा होने लगता है, जिससे दर्द, सूजन और गठिया जैसी समस्या होने की संभावना रहती है। ऐसे में हमें अपने खानपान का खास ध्यान रखना होता है, क्योंकि प्यूरीन कई तरह के फूड्स और ड्रिंक्स में पाया जाता है।