पेट की गर्मी बढ़ जाना एक बहुत ही कॉमन परेशानी है। ऑयली मसालेदार खाने का सेवन करने से अक्सर लोगों को पेट की गर्मी बढ़ने की परेशानी होती है। पेट की गर्मी एक ऐसी परेशानी है जिसमें ऐसा महसूस होता है जैसे पेट में आग जल रही है। पेट की गर्मी की वजह से बेहद बेचेनी और असुविधा होती है। आयुर्वेद के मुताबिक खराब डाइट वात,पित और कफ बिगड़ने का कारण बनती है। पेट की गर्मी का इलाज करने के लिए आप महंगी दवाईयों का सेवन नहीं करें बल्कि आप कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर अपनी इस परेशानी का उपचार कर सकते हैं।

आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक किचन में मौजूद कुछ इंग्रीडेंट आपकी पेट की गर्मी की परेशानी को कम कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ये पेट की गर्मी क्या है और इसे कैसे ठंडा रखा जा सकता है।

पेट की गर्मी क्या हैं?

अक्सर हमने अपने दादा-दादी और घर के बुजुर्गों को कहते हुए सुना है कि पेट को ठंडा रखें सेहत बनी रहेगी। पेट की गर्मी 100 से भी ज्यादा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पेट की गर्मी तब होती है जब हमारा पाचन सिस्टम जरूरत से ज्यादा काम करने लगता है जिसकी वजह से एक्सट्रा हीट पैदा होती है और पेट में गर्मी बढ़ती है। हमारे पाचन को ज्यादा काम करने की जरूरत हमारी डाइट की वजह से होती है। हम खाने में जंक फूड्स,फास्ट फूड्स का सेवन करते हैं जो पचने में ज्यादा समय लेते हैं।

साइंस के मुताबिक Stomach Heat का मतलब एक्सेसिव एसिड प्रोडक्शन है जिसकी वजह से हाइपरएसिडिटी और गैस की समस्या होने लगती है। आयुर्वेद के मुताबिक जब पित्त दोष बॉडी में बढ़ जाता है तो पेट की गर्मी बढ़ने लगती है। पित्त का काम डायजेशन को ठीक रखना है लेकिन जब ये ज्यादा बढ़ जाता है तो इससे पेट में जलन और गर्मी बढ़ने लगती है।

पेट की गर्मी दूर करने वाले फूड

पेट की गर्मी को दूर करने के लिए आप सौंफ, धनिया और जीरा का सेवन करें। ये तीनों मसालें पाचन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में रामबाण इलाज हैं। जीरा,धनिया और सौंफ का सेवन पाचन को ठीक करता है और पेट की गर्मी को कम करता है।
1. जीरा का सेवन पाचन को दुरुस्त करता है और गैस से निजात दिलाता है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि जीरा डायजेस्टिव एंजाइम को बूस्ट करता है जो खाने को पचाने में मदद करता है।
2. धनिया की तासीर ठंडी है ये पाचन को ठंडा करने में असरदार है। पेट की गर्मी और एसिडिटी को कम करने में धनिया के बीज बेहद असरदार हैं।
3. सौंफ एक नेचुरल एंटासिड है जो पाचन को ठीक करता है,ब्लोटिंग को कम करता है और पेट की गर्मी को भी शांत करता है।
4. पोदीना अपनी कूलिंग प्रोपर्टी के लिए जाना जाता है। इसका सेवन करने से पेट की गर्मी कंट्रोल रहती है।
5. मिश्री की तासरीर ठंडी है और ये एक नेचुरल स्वीटनर है जो पेट की गर्मी को कम करने में दवाई की तरह काम करती है।

धनिया,जीरा और सौंफ का सेवन कैसे करें

पेट की गर्मी को दूर करने के लिए धनिया,जीरा और सौंफ का सेवन उसकी चाय बनाकर करें। एक चम्मच जीरा,एक चम्मच सौंफ और एक चम्मच घनिया, कुछ पत्तियां पोदीने की और धागे वाली मिश्री लें। एक पेन में एक कप पानी डालें और उसमें सभी सीड्स को डालें और 10 मिनट तक हल्की आंच पर पकने दें। 10 मिनट बाद इसमें पुदीने की पत्तियां मिलाएं। जब इन सभी चीजों का अर्क निकल जाए तो आप इसमें मिश्री डालें और दिन में दो बार इसका सेवन करें। ये नुस्खा आपके पाचन को ठीक करगेगा और पेट की गर्मी को भी कंट्रोल करेगा।