आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर दूसरा व्यक्ति तनाव से ग्रसित है। घर की जिम्मेदारियों से लेकर काम के बोझ के कारण व्यक्ति धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार होने लगता है। तनाव के कारण लोगों की नींद में खलल पड़ता है और इसके कारण शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है। इसके चलते धीरे-धीरे आगे चलकर पता ही नहीं चल पाता कि तनाव कब डिप्रेशन का रूप ले लेता है। ऐसे में अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है और आप डिप्रेशन से छुटकारा पाना चाहते हैं तो जटामांसी का सेवन कर सकते हैं। यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो मुख्य रूप से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, तनाव को कम करने और अच्छी नींद लाने में मदद करती है। इसे तपस्विनी और मानसिक बलवर्धिनी भी कहा जाता है, क्योंकि यह मस्तिष्क को शांत करने और मानसिक शक्ति बढ़ाने में मदद करती है। आचार्य बालकृष्ण ने जटामांसी के फायदे बताए हैं।
जटामांसी के पोषक तत्व
जटामांसी में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें एक्टिनिडीन, अरिस्टोलीन, कैरोटीन, कैरलीन, क्लैरेनॉल, कूमारिन, डायहाइड्रोएजुलीन कंपाउंड पाए जाते हैं। इसमें नर्डोल, नार्डोस्टाचोन, वेलेरियनॉल, वेलेरानल, वेलेरानोन, एलेमोल, विरोलिन, एंजेलिविन, ओरोसेलोल जैसे कंपाउंड भी मौजूद होते हैं, जिससे शरीर को मानसिक शक्ति के साथ कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं।
मानसिक तनाव कम होगा
जटामांसी में प्राकृतिक एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं। यह कोर्टिसोल हार्मोन यानी तनाव हार्मोन के लेवल को संतुलित करता है और मन को शांत करता है।
अच्छी नींद लाने में सहायक
जटामांसी को अनिद्रा के लिए एक बेहतरीन औषधि माना जाता है। यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। ये गहरी और बेहतर नींद लाने में मदद करता है। सोने से पहले स्पाइकनार्ड तेल से मालिश करने से दिमाग शांत होता है और अच्छी नींद आने में मदद मिलती है।
याददाश्त बढ़ाने में असरदार
यह दिमाग को तेज करने, एकाग्रता बढ़ाने और याददाश्त को मजबूत करने में मदद करता है। इसमें एंटीडिप्रेसेंट गुण होते हैं, जो उदासी और डिप्रेशन को दूर करने में मदद करते हैं। यह सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे मूड बेहतर होता है।
जटामांसी का सेवन कैसे करें?
रात को सोने से पहले आधा चम्मच जटामांसी चूर्ण गुनगुने दूध या शहद के साथ लें। इसे ब्राह्मी और शंखपुष्पी के साथ मिलाकर पीना मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। 1 चम्मच जटामांसी की जड़ को 2 कप पानी में उबालें और जब आधा रह जाए तो इसे पी लें। इसे रोजाना पीने से मानसिक शांति और नींद अच्छी आती है। इसके अलावा आप समुद्री तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे अच्छी नींद आती है और दिमाग शांत होता है।
जटामांसी का सेवन कैसे करें?
रात को सोने से पहले आधा चम्मच जटामांसी चूर्ण गुनगुने दूध या शहद के साथ लें। इसे ब्राह्मी और शंखपुष्पी के साथ मिलाकर पीना मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। 1 चम्मच जटामांसी की जड़ को 2 कप पानी में उबालें और जब आधा रह जाए तो इसे पी लें। इसे रोजाना पीने से मानसिक शांति और नींद अच्छी आती है। इसके अलावा आप समुद्री तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे अच्छी नींद आती है और दिमाग शांत होता है।
इसके अलावा खाने के बाद इन 2 चीजों को तुरंत चबा लीजिए, पाचन तंत्र करने लगेगा तेजी से काम, सुबह उठते ही पेट की हो जाएगी सफाई।