बारिश के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है और खाना जल्दी खराब होने लगता है। इस दौरान तला-भुना, मसालेदार और स्ट्रीट फूड खाने की मात्रा भी बढ़ जाती है। ऐसी सभी आदतें पाचन तंत्र को सीधे प्रभावित करती हैं। इससे पेट खराब होता है और दस्त की समस्या होती है। डायरिया बार-बार पतले मल की समस्या है। शुरुआत में यह समस्या हल्की होती है, लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो डिहाइड्रेशन के कारण शरीर काफी कमजोर हो जाता है। कई बार लिवर प्रभावित होता है और गंभीर बीमारियां भी हो जाती हैं। इसलिए डायरिया होने पर खानपान, पानी और आसान घरेलू उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट निधि गुप्ता ने बताया कि दस्त और पेट के लिए दही में क्या मिलाकर खाना फायदेमंद हो सकता है।

बारिश में क्यों बार-बार लग जाते हैं दस्त

मानसून के दौरान, समोसे, भजिया और वड़े जैसे तले हुए स्ट्रीट फूड स्वादिष्ट तो होते हैं, लेकिन पचाने में बहुत मुश्किल होते हैं। अगर, इन्हें बार-बार खाया जाए, तो ये लिवर पर दबाव डालते हैं। इससे लिवर की कार्यक्षमता कम हो जाती है, पाचन क्रिया खराब हो जाती है और पेट में सूजन आ जाती है। खराब खाना या दूषित पानी पीने से दस्त की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए इस मौसम में साफ, हल्का और ताजा खाना खाना बहुत जरूरी है।

आहार में क्या खाएं और क्या न खाएं?

दस्त के बाद तले और मसालेदार भोजन से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। पूरी-पराठे, मैदे से बनी चीजें और रिफाइंड तेल से बने फूड पेट के लिए बिल्कुल अच्छे नहीं होते। ऐसे में सादा चावल, मूंग दाल की खिचड़ी और थोड़े से सरसों के तेल में हल्का भोजन सबसे अच्छा माना जाता है। दही पाचन के लिए सबसे अच्छा भोजन है और आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है। इससे कब्ज कम होती है और पाचन क्रिया बेहतर होती है।

दही में ये मिलाकर खाएं

एक्सपर्ट के अनुसार, दही और इसबगोल का मिश्रण दस्त रोकने में बेहद कारगर है। एक कटोरी ताजा दही में एक चम्मच ईसबगोल की छाल डालकर अच्छी तरह मिलाएं और दिन में एक बार सेवन करें। अगर समस्या गंभीर है, तो आप इसे दिन में दो बार भी ले सकते हैं। यह उपाय आंतों को जरूरी फाइबर प्रदान करता है, दस्त कम करता है और आंतों को स्थिर करता है।

गैस और पेट दर्द के लिए नींबू-नमक पानी

कई लोगों को जुलाब से गैस, पेट दर्द और भारीपन की समस्या होती है। ऐसे समय में ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करने की गलती नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय, नींबू और थोड़े से नमक के साथ गर्म पानी पीने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और गैस की समस्या कम होती है। सुबह खाली पेट यह पानी पीने से पेट साफ रहता है और दिन भर पाचन क्रिया अच्छी रहती है।

कब्ज से राहत

इसबगोल में मौजूद अघुलनशील फाइबर मल को नरम और फूला हुआ बनाता है, जिससे आंतों की गतिशीलता में सुधार होता है। एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच इसबगोल मिलाएं और कुछ हफ्तों तक रोज रात को सोने से पहले इसका सेवन करें।

वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।