इलायची एक सुगंधित, मीठा और गर्म तासीर वाला मसाला है, जिसे ‘क्वीन ऑफ स्पाइसेज’ भी कहा जाता है। इलायची दो तरह की होती है एक हरी इलायची और दूसरी काली इलायची। हरी इलायची को आयुर्वेद में सात्विक और त्रिदोष-नाशक मसाला माना गया है, यानी ये मसाला वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित रखने में मदद करता है। इसकी सुगंध मन को शांत करती है और मानसिक तनाव कम करने में मददगार मानी जाती है।

पोषक तत्वों की बात करें तो इलायची में विटामिन C, विटामिन B6, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, मैंगनीज़, आयरन और डाइटरी फाइबर पाया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में फ्री-रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करते हैं। इसके अलावा इसमें सिनिओल, टरपीनीन, लिमोनीन जैसे एसेंशियल ऑयल्स होते हैं जो इसे औषधीय गुण देते हैं।

आयुर्वेदिक रूप से इलायची पाचन को सुधारने, गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी कम करने में बेहद लाभकारी मानी जाती है। भारतीय योग गुरु, लेखक, शोधकर्ता और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र के मुताबिक छोटी-सी इलायची स्वाद, पाचन, श्वसन स्वास्थ्य और संपूर्ण आयुर्वेदिक संतुलन के लिए बेहद प्रभावी मसाला है। यह सांस की बदबू दूर करती है और मुंह के बैक्टीरिया को कम करती है।

इसकी गर्म तासीर बलगम को ढीला करने में मदद करती है, इसलिए ये सर्दी-जुकाम, खांसी और चेस्ट कंजेशन में फायदेमंद है। हल्का डायरेटिक होने के कारण ये मसाला शरीर से अतिरिक्त नमक और पानी निकालने में भी मदद करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि अगर 15 दिनों तक रोज दो इलायची का सेवन किया जाए तो सेहत पर कैसा असर होता है।

दिल की सेहत के लिए फायदेमंद

इलायची एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है और यह नेचुरल डायरेटिक की तरह काम करती है। यह शरीर से अतिरिक्त पानी और नमक निकालने में मदद करती है, जिससे ब्लड वेसल्स पर दबाव कम होता है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि नियमित रूप से इलायची खाने से ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर आने लगता है, खासकर जब ब्लड प्रेशर बॉर्डर लाइन या हल्का बढ़ा हुआ हो।

पाचन शक्ति होती है मजबूत

इलायची जठराग्नि यानी डाइजेस्टिव फायर को बढ़ाती है। यह गैस, ब्लोटिंग, हेवीनेस और खाना न पचने जैसी समस्याओं को कम करती है। इलायची डाइजेस्टिव एंजाइम्स के रिलीज को बढ़ाती है, जिससे खाना आंतों में आसानी से आगे बढ़ता है और पाचन बेहतर होता है। खाने के बाद 1–2 इलायची चबाने से आराम मिलता है।

सांसों की बदबू दूर करती है

इलायची के एसेंशियल ऑयल में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह और आंत में बैक्टीरिया को कम करते हैं। इससे माउथ ओडर दूर होती है और सांस स्वाभाविक रूप से ताजा लगती है। पुरानी परंपराओं में खाने के बाद इलायची खाना एक आयुर्वेदिक हाइजीन प्रैक्टिस माना जाता था।

सर्दी-जुकाम और साइनस में फायदेमंद

इलायची की प्रकृति गर्म होती है, जो बलगम को ढीला करती है और चेस्ट कंजेशन को कम करती है। यह ब्लॉक नोज, साइनस प्रॉब्लम, जुकाम, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी स्थितियों में राहत देती है। इसकी एक्सपेक्टोरेंट प्रॉपर्टी सांस लेने में आसानी लाती है।

शरीर को हल्का और डिटॉक्स करती है

15 दिन तक रोजाना इलायची सेवन करने से शरीर हल्का महसूस होता है, ब्लोटिंग कम होती है और डाइजेशन सुधरता है। सांसें फ्रेश रहती हैं और शरीर धीरे-धीरे डिटॉक्स होता है। ब्लड प्रेशर भी बेहतर होने लगता है और साइनसिस क्लियर महसूस होता हैं।

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