यूरिक एसिड एक ऐसी समस्या है, जिसका लेवल एक बार शरीर में बढ़ जाए तो कई स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने से किडनी स्टोन, गठिया, जोड़ों में दर्द आदि जैसी दर्दनाक समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है, जो जीवन भर परेशान कर सकती हैं। यूनानी एक्सपर्ट हकीम सुलेमान के मुताबिक, आयुर्वेद में यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिनके उपयोग से न सिर्फ यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है, बल्कि कई बीमारियों से भी बचाव हो सकता है।
यूनानी एक्सपर्ट हकीम सुलेमान के मुताबिक, आजकल बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान के चलते यूरिक एसिड, जोड़ों का दर्द और गठिया जैसी समस्याएं बहुत आम हो गई हैं। शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने पर हाथ-पैरों में सूजन, दर्द और चलने-फिरने में दिक्कत आम हो जाती है। काला गोंद को जोड़ों की समस्याओं और गठिया का रामबाण माना गया है। आयुर्वेद एक्सपर्ट्स के अनुसार, काला गोंद का सेवन सही तरीके से किया जाए, तो यह यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकता है और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
क्या होता है काला गोंद
काला गोंद एक प्राकृतिक राल है, जो कुछ पेड़ों से निकलता है, जैसे कि एनोजिसस लैटिफोलिया या आबनूस का पेड़ आदि। पेड़ के तने में चीरा लगाकर यह चिपचिपा पदार्थ निकाला जाता है, जो सूखने पर दानेदार और गहरे रंग का हो जाता है। आयुर्वेद में इसे कई औषधियों में शामिल किया जाता है। यह स्वाद में हल्का कसैला और गुणों में ठंडा माना जाता है। यह जोड़ों के दर्द, गठिया, मांसपेशियों के दर्द, और विभिन्न प्रकार के परजीवी संक्रमणों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।
काला गोंद कैसे करेगा यूरिक एसिड कंट्रोल
काला गोंद शरीर में जमा और एक्स्ट्रा यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मददगार होता है। काले गोंद में एंटी-इंफ्लेमेटरी और डिटॉक्सिफाइंग गुण रक्त को शुद्ध करते हैं और यूरिक एसिड क्रिस्टल्स के कारण होने वाली जकड़न और दर्द को कम करते हैं। काले गोंद का नियमित रूप से सेवन करने पर ये गाउट यानी गठिया जैसी समस्याओं में भी लाभकारी होता है। 100 से 200 ग्राम गोंद का सेवन करने से आसानी से यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है। आधा ग्राम सुबह और आधा ग्राम शाम में खाने के बाद इस गोंद का सेवन टोंड दूध या फिर पानी के साथ करें यूरिक एसिड कंट्रोल रहेगा।
जोड़ों के दर्द और गठिया से राहत
काला गोंद प्राकृतिक लुब्रिकेंट की तरह काम करता है। काला गोंद जोड़ों के दर्द और गठिया से राहत दिलाने के लिए लाभकारी होता है। यह जोड़ों की कठोरता को कम करता है और लचीलापन बढ़ाता है। इसके सेवन से दर्द, सूजन और अकड़न से भी राहत मिल सकती है।
पाचन तंत्र दुरुस्त
काला गोंद सिर्फ जोड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी होता है। काले गोंद का नियमित सेवन आंतों को ठंडक देता है और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करता है। काले गोंद में मिनरल्स और विटामिन्स भरपूर मात्रा में होती है, जो पाचन के साथ-साथ कई बीमारियों से भी बचाव करता है।
वहीं, सफेद बाल हमेशा उम्र का एक साधारण संकेत नहीं होते। कई मामलों में यह स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं और अंगों में कोई समस्या या फिर शरीर में पोषण संबंधी कमियों का शुरुआती संकेत भी हो सकता है।