बदलते मौसम के साथ-साथ कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि मानसून के मौसम में नमी ज्यादा होती है और संक्रमण अधिक पनपते हैं। ऐसे में सेहत का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। बारिश के मौसम में सर्दी, खांसी, वायरल फीवर, फ्लू, स्किन इंफेक्शन और पाचन संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ जाती हैं। इन सभी समस्याओं से राहत पाने के लिए तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा बहुत लाभकारी साबित हो सकता है।
दरअसल, आयुर्वेद में तुलसी और काली मिर्च को औषधीय गुणों की खान माना गया है। तुलसी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत लाभकारी होती है तो काली मिर्च में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। जब इन दोनों को मिलाकर काढ़ा बनाया जाए और उसे रोज सुबह खाली पेट पिया जाए, तो यह शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है। बैंग्लोर के जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट की चीफ डाइटिशियन सुष्मा पीएस ने तुलसी और काली मिर्च के काढ़े के फायदे बताए हैं।
कैसे बनाए तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा
- 6-8 तुलसी की पत्तियां लें
- 4-5 साबुत काली मिर्च को कूट लें
- 2 कप पानी में दोनों को डालें और 5-7 मिनट तक उबालें
- स्वाद के अनुसार शहद भी डाल सकते हैं
- हल्का ठंडा होने पर छान लें और गुनगुना पी लें
वायरल संक्रमण से बचाव
बारिश के मौसम में वायरल इंफेक्शन और फ्लू जैसी समस्याएं बहुत ही आम हो जाती हैं। इस मौसम में बीमारियों से बचाव के लिए तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा बहुत असरदार साबित हो सकता है। तुलसी में एंटीवायरल और कफ को बाहर निकालने वाले गुण होते हैं, जो सांस की नली को साफ करने में मदद करते हैं। काली मिर्च बलगम को तोड़ने का काम करती है और फेफड़ों को साफ करती है।
ब्लड शुगर कंट्रोल
ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए काली मिर्च और तुलसी का काढ़ा लाभकारी साबित हो सकता है। काली मिर्च इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाती है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा तुलसी पत्तियां पैनक्रियाज को एक्टिव करती हैं और ब्लड में शुगर की मात्रा को संतुलित करने में मदद करती हैं। रोज सुबह खाली पेट इस काढ़े को पीने से ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव पर कंट्रोल पाया जा सकता है।
इम्यूनिटी बूस्ट
तुलसी और काली मिर्च दोनों सेहत के लिए फायदेमंद हैं। तुलसी और काली मिर्च शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करती है। इन दोनों से बना काढ़ा शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं, जिससे वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट होती है तो संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
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