सर्दियों में लोग ऐसे फूड चुनते हैं जो शरीर को अंदर से गर्मी दें, एनर्जी बढ़ाएं और इम्युनिटी को मजबूत करें। इसी वजह से इस मौसम में गेहूं की जगह साबुत अनाज की रोटियों का उपयोग बढ़ जाता है। इनमें बाजरा की रोटी सबसे लोकप्रिय है। इसका स्वाद और पोषण दोनों ही बेहतर होते हैं। इसे बनाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ इतने अधिक हैं कि लोग इसे अपनी सर्दियों की डाइट में जरूर शामिल करते हैं। बाजरा एक पारंपरिक, पोषक और ग्लूटेन-फ्री अनाज है, जिसे ठंड के मौसम में खास तौर पर खाया जाता है। आयुर्वेद में इसे गर्म तासीर वाला, ऊर्जा बढ़ाने वाला और पाचन को मजबूत करने वाला अनाज माना गया है। ये उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिन्हें गेहूं से एलर्जी या ग्लूटेन की समस्या होती है।
इसके पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, जिंक और बी-विटामिन खासकर B3 और B6 शामिल हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं जो शरीर को सूजन और फ्री-रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। सर्दी में बाजरा की रोटी का सेवन करने से पाचन में सुधार होता है। इसे खाने से कब्ज दूर होती है और पाचन से जुड़ी समस्याएं खत्म होती हैं।
ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में ये रोटी कमाल की है। इसके अलावा ये हड्डियों को मजबूत करती है, हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करती है और दिल की सेहत को सपोर्ट करती है। ठंड में बाजरे की रोटी शरीर को गर्म रखती है और ऊर्जा प्रदान करती है। कुल मिलाकर बाजरा शरीर को पोषण देने वाला और सेहत सुधारने वाला सुपरफूड है।
वैद्यराज डॉक्टर सतीश त्यागी ने बताया सर्दियों में बाजरा शरीर को गर्मी, ताकत और सुरक्षा देता है। बाजरा उष्ण और शुष्क होता है, इसलिए इसे घी के साथ खाना ज़रूरी है ताकि शरीर में संतुलन बना रहे। बाजरा वात और पित्त बढ़ाता है, जबकि घी कफ बढ़ाकर उन्हें शांत करता है। सर्दियों में कफ रोगों जैसे जुकाम, सर्दी, संक्रमण तेजी से फैलता है ऐसे में बाजरा इन्हें कम करने में मदद करता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि सर्दी में बाजरा की रोटी खाने से कौन-कौन से फायदे होते हैं।
सर्दियों में शरीर को गर्म रखती है ये रोटी
बाजरे की तासीर गर्म होती है, इसलिए यह सर्द मौसम में शरीर को अंदर से गर्माहट देती है। इससे ठंड लगना, पाला, खांसी-जुकाम और सर्दी संबंधी समस्याएं कम होती हैं।
पाचन सुधरता है और भूख बढ़ती है
बाजरे की रोटी पेट को लंबे समय तक भरा रखती है, पाचन की गति को संतुलित करती है और अनिद्रा या कमजोरी वाली स्थिति में भूख बढ़ाने में मदद करती है।
हीमोग्लोबिन बढ़ाती है
बाजरा आयरन और फोलेट से भरपूर होता है, इसलिए यह खून की कमी, एनीमिया और कमजोरी में लाभ करता है। नियमित सेवन से हीमोग्लोबिन का स्तर बेहतर होता है।
डायबिटीज और वजन कंट्रोल करने में है मददगार
इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और फाइबर अधिक होता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल रखता है। इसे खाने के बाद भूख कम लगती है, इसलिए वजन घटाने में उपयोगी है।
हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद
फाइबर और मैग्नीशियम की मौजूदगी कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायता करती है और धमनियों की सेहत में सुधार लाती है।
नींद और मानसिक तनाव में राहत
आयुर्वेद अनुसार बाजरा अनिद्रा (Insomnia) और मस्तिष्क की कमजोरी में फायदा देता है। इसे खाने से नींद बेहतर आती है।
कफ संबंधी रोगों में मिलती है मदद
टीबी, खांसी, सर्दी, चेस्ट कंजेशन जैसे कफ जनित रोगों में बाजरे की रोटी लाभकारी मानी जाती है।
त्वचा की चमक बढ़ाती है
बाजरा शरीर को पोषण देता है और इसका नियमित सेवन त्वचा को ग्लोइंग और हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है।
लंबे समय तक ऊर्जा देती है
धीरे पचने की वजह से ये रोटी घंटों एनर्जी देती है। खेतों में काम करने वाले लोग इसे इसलिए खाते थे।
घी के साथ मिलकर संपूर्ण भोजन बनता है
क्योंकि बाजरा शुष्क और गर्म है, इसे घी, दही या लस्सी के साथ खाने पर शरीर में वात-पित्त का संतुलन बनता है और लाभ कई गुना बढ़ जाते हैं।
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