सांसों की बदबू या मुंह से दुर्गंध आना एक आम समस्या है। मेडिकल भाषा में इस समस्या को हैलिटोसिस कहा जाता है। वैसे तो अधिकतर लोग ओरल हेल्थ पर ध्यान न देने के चलते इस समस्या से परेशान रहते हैं। हालांकि, अगर दिन में दो बार ब्रश करने और मुंह की साफ-सफाई पर खास ध्यान देने के बाद भी आपको इस तरह की परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है, तो बता दें कि इसके पीछे कुछ अन्य स्वास्थ कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। इतना ही नहीं, यह किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सांसों की बदबू के लिए कई मेडिकल और नॉन-मेडिकल कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

श्वसन तंत्र में संक्रमण

साइनसाइटिस (Sinusitis), ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) और निमोनिया (Pneumonia) जैसे श्वसन संक्रमण के कारण सांसों में दुर्गंध आ सकती है। दरअसल, इस तरह की स्थिति में रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है, जिससे बदबू की परेशानी भी बढ़ जाती है।

जर्नल ऑफ ओरल माइक्रोबायोलॉजी (Journal of Oral Microbiology) में प्रकाशित एक अध्ययन की रिपोर्ट बताती है कि इस तरह श्वसन संक्रमण वाले लोगों में वोलेटाइल सल्फर कंपाउंड(VSCs) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे बात करने या सांस छोड़ने के दौरान उनके मुंह से तेज गंध आने लगती है। ऐसे में अगर ओरल हाइजीन बनाए रखने के बाद भी आपको इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो एक बार हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह जरूर लें।

पाचन तंत्र में परेशानी

एसिड रिफ्लक्स, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) और पेट के अल्सर जैसी पाचन संबंधी परेशानी भी मुंह से दुर्गंध का कारण बन सकती हैं। यानी पाचन खराब होने पर भी सांसों में बदबू आने की परेशानी बढ़ जाती है।

डायबिटीज

मधुमेह यानी डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें ब्लड में मौजूद ग्लूकोस या शुगर का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। वहीं, इस गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर भी मुंह से तेज गंध आने लगती है। जर्नल ऑफ डायबिटीज इन्वेस्टिगेशन में प्रकाशित एक शोध के नतीजे बताते हैं कि बढ़ा हुआ शुगल लेवल सांसों में बदबू की परेशानी को भी बढ़ा सकता है। ऐसे में अगर आप लगातार इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो ये डायबिटीज का अहम लक्षण हो सकता है। इसे लेकर एक बार हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह जरूर लें।

किडनी डिजीज

किडनी में किसी तरह की परेशानी होने पर भी मुंह में बदबू की समस्या बढ़ जाती है। दरअसल, हमारे शरीर में मौजूद दोनों किडनी का काम ब्लड से अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करना होता है। हालांकि, किडनी में किसी तरह की परेशानी होने पर ये अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाती हैं, जिससे रक्तप्रवाह में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं। ये विषाक्त पदार्थ सांस में अमोनिया जैसी गंध पैदा कर सकते हैं, जिसे आमतौर पर ‘यूरेमिक ब्रीथ’ कहा जाता है।

लिवर डिजीज

इन सब से अलग मुंह से लगातार आने वाली बदबू लिवर डिजीज की ओर भी इशारा हो सकती है। लिवर सिरोसिस या फैटी लिवर डिजीज से पीड़ित होने पर शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे भी सांसों से दुर्गंध की परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में इस तरह की स्थिति लगातार बने रहने पर एक बार लिवर की जांच भी जरूर करा लें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।