बदलते मौसम में सर्दी, खांसी और जुकाम होना आम परेशानी है। बदलते मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है और मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। सर्दी खांसी के लिए और भी कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे ठंड या गर्म मौसम में अचानक बदलाव से शरीर को एडजस्ट करने में दिक्कत होना, जिससे जुकाम हो जाता है। धूल, धुआं या परागकण (pollen) से एलर्जी होने पर भी खांसी-जुकाम के लक्षण दिखाई देते हैं। ठंडा पानी, आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजें गले में सूजन और कफ बढ़ा देती हैं। तनाव और नींद की कमी से भी इम्यून सिस्टम कमजोर होकर शरीर को वायरस के प्रति संवेदनशील बना देता है।

अगर आप भी बदलते मौसम में सर्दी-खांसी और बंद नाक से परेशान हैं तो कुछ देसी और असरदार तरीकों को अपनाएं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट और योग गुरु बाबा रामदेव ने बदलते मौसम में सर्दी खांसी और बहती नाक का इलाज करने के लिए कुछ देसी नुस्खों के बारे में बताया है। आइए जानते हैं कि ये नुस्खें कैसे बंद नाक का इलाज करने में असरदार साबित होते हैं।

बादाम, काली मिर्च और खांड के मिश्रण का करें सेवन

सर्दी-जुकाम और नाक बंद होने की समस्या को दूर करने के लिए आप बादाम, काली मिर्च और खांड के मिश्रण का सेवन करें। 100 ग्राम बादाम, 20 ग्राम काली मिर्च और 50 ग्राम खांड लेकर इन्हें बारीक पीस लें। हर रात सोने से पहले इसका एक चम्मच गुनगुने दूध या पानी के साथ लें। यह मिश्रण शरीर की गर्मी बढ़ाकर कफ को पिघलाने में मदद करता है। साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे बार-बार होने वाली सर्दी और खांसी से बचाव होता है।

बाबा रामदेव के अनुसार यह देसी फॉर्मूला नाक खुलने और सांस लेने में भी तुरंत राहत देता है। रोज इस मिश्रण का सेवन करने से सर्दी-जुकाम, नज़ला और नाक बंद होने की समस्या दूर होती है। ये मिश्रण इम्यूनिटी को मजबूत करता है और बॉडी को हेल्दी रखता है।

सरसों का तेल नाक में डालें

बंद नाक और नाक की एलर्जी से राहत पाने के लिए सरसों का तेल बेहद प्रभावी घरेलू उपाय है। रात में सोने से पहले साफ हाथों से या ड्रॉपर की मदद से नाक में दो-दो बूंद सरसों का तेल डालें। यह नाक के अंदर की सूजन को कम करता है, बलगम को पतला करता है और सांस लेने में आराम देता है। नियमित रूप से यह उपाय करने से नाक की नमी बनी रहती है और साइनस की समस्या भी दूर होती है। बाबा रामदेव बताते हैं कि सरसों का तेल इम्यूनिटी को बढ़ाने का भी काम करता है।

त्रिकुटा काढ़ा पिएं

आयुर्वेद के अनुसार त्रिकटु चूर्ण यानी सोंठ, काली मिर्च और पीपली का मिश्रण सर्दी-जुकाम में रामबाण माना गया है। इसे तैयार करने के लिए 100 ग्राम पानी में आधा चम्मच त्रिकुटा पाउडर डालकर उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो गुनगुना करके दिन में एक या दो बार पिएं। यह काढ़ा शरीर से कफ को बाहर निकालता है, गले की खराश कम करता है और इम्यूनिटी को मजबूत करता है।  बाबा रामदेव के अनुसार ये नुस्खा ठंड, नजला, और बार-बार जुकाम होने की समस्या को जड़ से मिटा सकता है।

भाप लें

नाक बंद होने, सिर भारी लगने या गले में खराश जैसी समस्याओं में भाप लेना सबसे आसान और असरदार उपाय है। इसके लिए गर्म पानी में एक चम्मच अजवाइन या कुछ बूंदें पुदीने के तेल की डालें। सिर पर तौलिया रखकर 5-10 मिनट तक भाप लें। इससे नाक के मार्ग खुलते हैं, बलगम ढीला होता है और सांस लेने में तुरंत आराम मिलता है। रोजाना दो बार भाप लेने से कफ, सर्दी और साइनस की समस्या में राहत मिलती है। बाबा रामदेव सलाह देते हैं कि सर्दियों में यह आदत प्रतिदिन अपनाएं ताकि संक्रमण से बचाव हो सके।

योग और प्राणायाम करें

योग और प्राणायाम शरीर की नेचुरल हीलिंग पावर को बढ़ाते हैं। सर्दी-जुकाम या नाक बंद जैसी समस्या से जूझ रहे लोगों को रोजाना कपालभाति, अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम करना चाहिए। कपालभाति से श्वसन तंत्र साफ होता है, अनुलोम-विलोम से ऑक्सीजन का प्रवाह संतुलित रहता है और भ्रामरी से साइनस की जकड़न कम होती है। योग गुरु बाबा रामदेव के अनुसार इन प्राणायामों को नियमित रूप से करने से नाक की एलर्जी, बलगम और खांसी जैसी समस्याएं स्थायी रूप से खत्म हो जाती हैं।

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