अर्थराइटिस और घुटनों का दर्द ऐसी परेशानी है जिसकी वजह से लोगों का उठना-बैठना तक दूभर हो जाता है। ये परेशानी सिर्फ बुजुर्ग लोगों तक सीमित नहीं है बल्कि कम उम्र के युवा भी अर्थराइटिस पेन से जूझ रहे हैं। घुटनों का दर्द एक ऐसी परेशानी है जिससे महिलाएं और पुरुष दोनों पीड़ित हैं लेकिन ज्यादा संख्या महिलाओं की है।

भारत में लोग अर्थराइटिस से ज्यादा पीड़ित हैं। एक सर्वे के मुताबिक हमारे देश में लगभग 18 करोड़ लोग इस परेशानी का सामना कर रहे हैं। अर्थराइटिस का सबसे प्रचलित रूप ऑस्टियो अर्थराइटिस है जिससे हर साल भारत में 1.5 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं।

अर्थराइटिस जोड़ों की सूजन व दर्द से जुड़ा रोग है। इस दर्द का इलाज करने के लिए लोग पेन किलर का सहारा लेते हैं। अर्थराइटिस पेन घुटनों और कूल्हे की हड्डियों पर अधिक प्रभाव डालता है। इस रोग से पीड़ित लोगों को हाथ-पैर में हल्की सी भी मूवमेंट करने से दर्द होता है। अर्थराइटिस की बीमारी 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में देखने को ज़्यादा मिलती थी लेकिन खराब डाइट और लाइफस्टाइल की वजह से ये बीमारी युवाओं में भी देखने को मिल रही है।

आप भी अर्थराइटिस और घुटनों के दर्द से परेशान हैं तो बाबा रामदेव के टिप्स को अपनाएं। आयुर्वेद में इस बीमारी का बेहतर उपचार है। आइए जानते हैं कि अर्थराइटिस के पेन को कैसे कंट्रोल करें।

पद्मासन करें: बाबा रामदेव के मुताबिक जो लोग जोड़ों के दर्द से परेशान हैं उन्हें पद्मासन करना चाहिए। रोजाना पद्मासन का अभ्यास करने से जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा।

पुनर्नवादि गुग्गुलु: गुग्गुलु अर्थराइटिक के पेन में बेहद असरदार साबित होता है। यह वात रोगों के उपचार में बहुत प्रभावी है। ये जड़ी बूटी जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करती हैं। इसका सेवन करने से जोड़ों की सूजन कम होती है। ये रुमेटी गठिया और गाउट के उपचार में भी बेहद असरदार साबित होती है।

अनुलोम-विलोम कीजिए: घुटनों के दर्द से परेशान लोग अनुलोम-विलोम आसन करें। इसे करने से अर्थराइटिस के लक्षण कम होते हैं।

खट्टी चीजों से परहेज करें: जिन लोगों को अर्थराइटिस की परेशानी हैं वो खट्टी चीजों से परहेज करें। खट्टी चीजें वात और कफ को बढ़ावा देती हैं।
लहसुन का सेवन करें: सुबह खाली पेट लहसुन का सेवन करें हड्डियों के दर्द से निजात मिलेगी। लहसुन का इस्तेमाल आप भूनकर भी कर सकते हैं। घी में चार-पांच लहसुन की कली डाले। उसमें थोड़ा सा त्रिकुटा और थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर भूनें। इस भूने हुए लहसुन को खाने के साथ सेवन करें।