खून हमारे शरीर के लिए एक बहुत ही बुनियादी और महत्वपूर्ण तत्व है। अगर, शरीर में खून की कमी हो जाए, तो थकान, कमजोरी, त्वचा का रंग पीला पड़ना, सांस लेने में तकलीफ आदि के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ऐसा अगर, लंबे समय तक रहता है तो धीरे-धीरे खून की कमी एनीमिया जैसी गंभीर जानलेवा बीमारी में बदल सकती है। हालांकि, सिर्फ खून की कमी के कारण ही ऐसा नहीं होता, बल्कि अक्सर खून में टॉक्सिन्स यानी जहरीले तत्व भी जमा हो जाते हैं। ये टॉक्सिन्स शरीर के महत्वपूर्ण अंगों तक पहुंचकर गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं। ऐसे में खून का साफ रहना बहुत ही आवश्यक हो जाता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक, वैदिक विज्ञान के शिक्षक, डॉ. तन्मय गोस्वामी के मुताबिक, आयुर्वेद में कुछ खास सब्जियों का जिक्र है, जो खून को शुद्ध करने में मदद करती हैं, लेकिन आजकल लोग अक्सर सब्जी के तौर पर पनीर या आलू खाना पसंद करते हैं। हर बाजार में आलू ही एकमात्र विकल्प उपलब्ध है और यह हमारे शरीर के जरूरी पोषण को भी बिगाड़ सकता है। वहीं, हरी सब्जियों का सेवन करने से शरीर के साथ-साथ स्वास्थ्य को भी कई फायदे मिलते हैं।
हरी सब्जियां विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स से भरपूर होती हैं। खून को प्यूरीफायर करने के लिए इन सब्जियों को अपने डेली के खाने में शामिल करना जरूरी है। खासतौर पर चौलाई एक ऐसी सब्जी है, जो रक्त से हानिकारक तत्वों यानी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की क्षमता रखती है। इसके अलावा पालक, मेथी और सहजन की फली भी बहुत फायदेमंद होती है। इन सब्जियों को अलग-अलग रूपों में यानी सूप, सब्जी, पराठे या सलाद के रूप में खाया जा सकता है।
एनीमिया के लिए प्राकृतिक उपचार
डॉ. तन्मय गोस्वामी के अनुसार, अगर ऊपर बताई गई सब्जियों का नियमित सेवन किया जाए, तो एनीमिया की समस्या नहीं होगी। इसके साथ ही रक्त में अनावश्यक गर्मी या सूजन पैदा करने वाले विषाक्त पदार्थ यानी टॉक्सिन भी कंट्रोल रहेंगे। इससे त्वचा में चमक आएगी, आंखें हेल्दी रहेंगी और जल्दी थकान महसूस नहीं होगी।
इसके अलावा हफ्ते के बाकी दिन में एक दिन परमल, लौकी और तुरई खा लें। ये हल्की लेकिन सेहतमंद सब्जियां अपनी डाइट में शामिल करें। ये सब्जियां शरीर को बिना थकावट के जरूरी एनर्जी देने का काम करती हैं। खासकर गर्मी के दिनों में ये सब्जियां गर्मी को कंट्रोल करने में भी मदद करती हैं।
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