यूरिक एसिड एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से बॉडी में यूरिक अम्ल की अधिकता हो जाती है। ये बीमारी प्यूरीन डाइट का सेवन करने से बढ़ती है। इस बीमारी के पनपने के कई कारण हैं जैसे एक जैसे खाने का सेवन, पानी का कम सेवन, दालों का अधिक सेवन, सब्जियों से परहेज, सॉफ्ट ड्रिंक का अधिक सेवन, चाय और मिठाईयों का सेवन, प्रोटीन डाइट और फाइबर से परहेज करने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। इस तरह की डाइट ब्लड में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ाने लगती है।
यूरिक एसिड बढ़ने से ये हाथ-पैरों के जोड़ों में चुभन वाला दर्द करता है। अगर यूरिक एसिड बॉडी से बाहर नहीं निकले तो ये हार्ट, किडनी और बॉडी के कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए डाइट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। डाइट में प्रोटीन वाले फूड्स का सेवन कम करें और कुछ असरदार जड़ी बूटियों का उपयोग करें।
कुछ जड़ी बूटियां यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में असरदार साबित होती है। कपिला के बीज ऐसी जड़ी बूटी है जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में बेहद असरदार साबित होती है। आइए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण से जानते हैं कि ये हर्ब्स कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है और उसका सेवन कैसे करें।
कपिला कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है:
एक्सपर्ट के मुताबिक शरीर के दर्द, जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करने में ये जड़ी बूटी बेहद असरदार साबित होती है। इसका सेवन करने से यूरिक एसिड कंट्रोल रहता है। यूरिक एसिड के मरीज अगर इसका काढ़ा बनाकर पीते हैं तो यूरीन खुलकर डिस्चार्ज होता है और किडनी की परेशानियां भी दूर होती है। यूरिक एसिड के मरीज इस जड़ी बूटी का सेवन काढ़ा बनाकर करें तो इसके सेवन से यूरिक एसिड पेशाब के जरिए बॉडी से जल्दी बाहर निकलता है।
यूरिक एसिड के मरीज इस हर्ब्स का कैसे सेवन करें:
जिन लोगों का यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है वो कपिला के बीज, सोंठ, नीम की छाल और पीपल के पत्तों को पानी में मिलाकर पकाएं। इस काढ़े को अच्छे से पकाकर उसे गुनगुना करके उसका सेवन करें यूरिक एसिड तेजी से कंट्रोल होगा।
कपिला के सेहत के लिए फायदे:
औषधीय गुणों से भरपूर कपिला के बीज सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और पेट के कीड़ों से निजात मिलती है। इसका सेवन किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। कपिला का सेवन करने से मुंह के छाने और मुंह की दुर्गंध से निजात मिलती है। इसका सेवन करने सर्दी जुकाम और गले की खराश में भी फायदा होता है। घाव पर इसका इस्तेमाल करने से वो जल्दी भर सकता है। इसका सेवन करने से अर्थराइटिस पेन से भी निजात मिलती है।