बदलते मौसम में बंद नाक और छींक से ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। बंद नाक और छींक की परेशानी सिर्फ सर्द मौसम में ही परेशान नहीं करती बल्कि गर्मी में भी लोग इस समस्या से जूझते हैं। बंद नाक और और छींक आने का सबसे बड़ा कारण मौसमी एलर्जी है। मौसमी एलर्जी की वजह से नाक बंद रहती है, नाक बहने लगती और नाक में खुजली होने जैसी दिक्कते होती हैं। कुछ लोग बंद नाक के साथ छींक आने से भी परेशान रहते हैं। इस परेशानी की वजह से नाक जाम रहती है और सांस लेने में दिक्कत होती है।

बंद नाक को खोलने के लिए अक्सर लोग अपने फार्मासिस्टों पर भरोसा करके कोई भी नेज़ल स्प्रे खरीद लेते हैं और उसे नाक में डाल लेते हैं। कोई भी स्प्रे नाक में डालने से परेशानी से बचाव नहीं होता बल्कि और समस्याएं बढ़ती हैं।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत, नई दिल्ली के इंटरनल मेडिसिन के निदेशक डॉ. रोमेल टिक्कू ने बताया कि नाक में होने वाली एलर्जी अलग-अलग होती है जिसका इलाज अलग-अलग नेज़ल स्प्रे से किया जाता है। बेहतर है कि आप अपने फार्मासिस्ट पर भरोसा करने के बजाय किसी डॉक्टर से सलाह लें फिर नेज़ल स्प्रे का इस्तेमाल करें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि मौसमी एलर्जी कितने प्रकार की होती है और उसका इलाज कैसे किया जाए।

नाक की एलर्जी के प्रकार

आपको एक से अधिक पदार्थों से एलर्जी हो सकती है। ये एलर्जी मौसमी और साल भर हो सकती है। नाक की एलर्जी विभिन्न प्रकार की होती है। मौसमी एलर्जी आमतौर पर पराग और घास जैसे एलर्जी कारकों की वजह से होती है। कुछ लोगों को पूरे साल एलर्जी रहती हैं जिसका कारण धूल, फफूंद, प्रदूषक, घुन है। जब गले के पीछे बलगम निगलता हैं तो ये वायरल संक्रमण की वजह से होता है जिसकी वजह से नाक बंद हो सकती है और नाक से पानी टपक सकता है। अलग-अलग तरह की एलर्जी के लक्षणों की पहचान करके ही अलग-अलग नेज़ल स्प्रे का इस्तेमाल किया जाता है।

नाक की एलर्जी के लक्षण

नाक की एलर्जी के लक्षणों का मुख्य कारण हिस्टामाइन नामक रसायन, जिसे बॉडी उस पदार्थ से लड़ने के लिए रिलीज करती है जिससे आपको एलर्जी है। नाक की एलर्जी के सबसे आम लक्षण हैं

  • नाक की एलर्जी के लक्षणों का मुख्य कारण हिस्टामाइन नामक रसायन, जिसे बॉडी उस पदार्थ से लड़ने के लिए छोड़ती है जिससे आपको एलर्जी है। नाक की एलर्जी के सबसे आम लक्षण हैं
  • बहती या भरी हुई नाक
  • साइनस का दबाव
  • छींक आना
  • आंखों में जलन
  • आंखों से पानी आना
  • सिरदर्द होना
  • थकान होना
  • खांसी, सांस लेने में परेशानी और सांस के साथ घरघराहट की आवाज आना शामिल है। नाक की एलर्जी के लक्षणों को पहचान कर ही दवाईयों के साथ नेज़ल स्प्रे का इस्तेमाल करना चाहिए। नेजल स्प्रे का इस्तेमाल किस तरह करना चाहिए ये भी बेहद मायने रखता है।

नाक की एलर्जी के लिए कौन सा स्प्रे किस तरह करें इस्तेमाल

एक्सपर्ट के मुताबिक नाक की एलर्जी का इलाज करने के लिए आप सेलाइन स्प्रे का उपयोग करें। इनमें कोई रसायन नहीं होता और इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते। बहुत से लोग डिकॉन्गेस्टेंट (decongestants) लेने की गलती करते हैं लेकिन उन्हें लक्षणों की गंभीरता के आधार पर केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लिया जाना चाहिए। इसका इस्तेमाल तीन दिनों से अधिक समय तक नहीं करना चाहिए।

ये स्प्रे नाक में रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण करके काम करता हैं, जो सूजन से राहत देने में मदद करता है। ये स्प्रे बंद नाक को खोलता है। इसका ज्यादा इस्तेमाल राइनाइटिस मेडिका मेंटोसा नामक स्थिति पैदा कर सकता है,जिससे आपके नाक के मार्ग में जलन और सूजन हो सकती है। डॉक्टर ड्रिप और सूजन को कम करने के लिए स्टेरॉयड-आधारित नाक के स्प्रे लिखते हैं। इन्हें 10 से 15 दिनों के लिए इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है जिसे बढ़ाकर तीन महीनों तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

नेज़ल स्प्रे का इस्तेमाल करने का सही तरीका

नेजल स्प्रे का चुनाव करने के बाद उसका इस्तेमाल करने का तरीका जानना भी जरूरी है। अगर आप बंद नाक को खोलने के लिए नेजल स्प्रे का इ्सतेमाल कर रहे हैं तो इस स्प्रे को इस तरह से दबाएं कि दवा की थोड़ी मात्रा सीधे नाक की लाइनिंग तक पहुंच सके। दवाई आपकी नाक के अंदर ही रहे इसके लिए आप स्प्रे बोतल को दबाने से पहले धीरे से सांस लें। नाक में दवाई डालते समय अपना सिर पीछे की ओर नहीं झुकाएं जो गलती अक्सर लोग करते हैं। सिर पीछे की तरफ झुकाकर डालने से दवा आपके गले के पिछले हिस्से में टपक सकती है।