डायबिटीज एक ऐसी क्रॉनिक बीमारी है जो एक बार हो जाए तो जिंदगी भर इसके साथ ही जीना पड़ता है। डायबिटीज की बीमारी रातों रात नहीं होती बल्कि इसे पनपने में सालों लगते हैं। ये बीमारी खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल का नतीजा है। डायबिटीज को अगर कंट्रोल कर लिया जाए तो इस बीमारी के जोखिम से बचा जा सकता है। डायबिटीज से पहले की स्थिति को प्रीडायबिटीज कहा जाता है। अगर इस स्थिति में लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव किया जाए तो आसानी से प्री डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है। प्रीडायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होता है लेकिन इतना ज्यादा नहीं होता कि उसे टाइप-2 डायबिटीज माना जाए।
हेल्थ डायरेक्टर के मुताबिक अगर आपमें प्री-डायबिटीज का निदान किया गया है तो इसका मतलब है कि आपको टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा 10 से 20 गुना अधिक है। प्री-डायबिटीज तब होती है जब आपके शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन पर सामान्य रूप से प्रतिक्रिया देना बंद कर देती हैं।
ऐसे में पैंक्रियास अधिक मात्रा में इंसुलिन बनाना शुरू कर देता है ताकि ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहे। लेकिन समय के साथ पैंक्रियाज की इंसुलिन बनाने की ताकत कम होने लगती है और फिर ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है, जो प्रीडायबिटीज और फिर टाइप-2 डायबिटीज की ओर ले जा सकता है।
प्री-डायबिटीज के जोखिम कारक क्या हैं?
- अधिक वजन होना
- शारीरिक रूप से निष्क्रिय होना यानि की बॉडी का एक्टिव नहीं होना
- गुड कोलेस्ट्रॉल का कम होना और ट्राइग्लिसराइड्स का अधिक होना
- हाई ब्लड प्रेशर होना
- धूम्रपान करना भी प्रीडायबिटीज की बीमारी का जोखिम बढ़ाता है।
जिस तरह डायबिटीज होने के लक्षण बॉडी में दिखाई देते हैं उसी तरह प्री डायबिटीज की स्थिति में भी बॉडी में कुछ लक्षण दिखने लगते हैं। प्री डायबिटीज की स्थिति में अगर लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो आसानी से इस स्थिति को रिवर्स किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि प्रीडायबिटीज की स्थिति में बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं जिन्हें तुरंत समझ कर लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव किया जाए। अगर सही तरीके से बॉडी पर ध्यान दिया जाए तो इस बीमारी को रिवर्स भी किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि प्रीडायबिटीज में बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।
प्री डायबिटीज के लक्षण?
- प्रीडायबिटीज की स्थिति में मरीज को सामान्य से ज़्यादा प्यास लगती है। बार-बार पानी पीने के बाद भी प्यास कम नहीं होती।
- बहुत ज़्यादा पेशाब आना
- बहुत थकान महसूस होना
- आंखों से धुंधला दिखाई देना प्री डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं।
- वजन बढ़ना, खासकर पेट के आसपास
- स्किन में बदलाव होना, खासकर गर्दन,बगल या शरीर के अन्य हिस्सों में स्किन का काला या मोटा हो जाना
- घावों का धीरे भरना
- भूख अधिक लगना शामिल है।
प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने का नेचुरल तरीका
- डाइट में बदलाव करें: हेल्थलाइन के मुताबिक डायबिटीज को रिवर्स करना चाहते हैं तो डाइट में बदलाव करें। डाइट में फल, सब्जियां,साबुत अनाज,लीन मीट और हेल्दी फैट का सेवन करें। हेल्दी फैट में आप एवोकाडो और फिश खाएं।
- बॉडी को एक्टिव रखें: बॉडी को एक्टिव रखने के लिए एक्सरसाइज करें। व्यायाम न केवल ऊर्जा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाकर ब्लड शुगर को भी कम कर सकता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) के अनुसार एक्सरसाइज करने के बाद 24 घंटे तक ब्लड शुगर का स्तर कम रह सकता है। एक्सरसाइज करने से शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग कर पाती हैं।
- वजन को घटाएं: वजन घटाने के लिए आप डाइट और एक्सरसाइज दोनों पर जोर दें। आप वजन को कंट्रोल करके न सिर्फ डायबिटीज कंट्रोल कर सकते हैं बल्कि बॉडी को हेल्दी भी रख सकते हैं। बॉडी फैट में केवल 5 से 10 प्रतिशत की कमी करने से ही आपके ब्लड शुगर स्तर में सुधार हो सकता है और प्रीडायबिटीज को reverse करने में मदद मिल सकती है।
- तनाव को कंट्रोल करें: तनाव इस बीमारी को तेजी से ट्रिगर करता है। अगर आप प्रीडायबिटीज को रिवर्स करना चाहते हैं तो तनाव को कंट्रोल करें। तनाव कंट्रोल करने के लिए आप योग और मेडिटेशन का सहारा लें। पर्याप्त नींद लें। रोजाना 7-8 घंटों की नींद आपकी तनाव से दूर कर सकती है।
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