दिल की बीमारी (Heart Disease) आजकल आम हो गई है। कम उम्र के लोग भी हार्ट डिजीज का शिकार हो रहे हैं। सालों पहले से ये धारणा चली आ रही है कि दिल की बीमारी ज्यादातर पुरुषों को होती है। लेकिन हालिया शोध में पाया गया कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। इसका कारण स्ट्रेस और नींद संबंधित परेशानी को बताया गया है।
स्टडी के मुताबिक महिलाओं और पुरुषों का दिल तनाव की स्थिति में अलग तरीके से काम करता है। जब महिला तनाव में होती है तो उसकी दिल की धड़कन बढ़ जाती है और दिल, ज्यादा ब्लड पंप करने लगता है। वहीं जब पुरुष तनाव में होता है तो धमनियां सिकुड़ने लगती हैं और ब्लड प्रेशर बड़ जाता है।
महिलाओं के शरीर में मौजूद एस्ट्रोजन हार्मोन उनके दिल को सुरक्षित रखने का काम करता है, लेकिन जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, ये हार्मोन कम होने लगता है और दिल की बीमारी हो सकती है। महिलाओं में इस हार्मोन की कमी 70 साल की उम्र के बाद होती है, जबकि पुरुषों में ये हार्मोन बनना 66 साल की उम्र से ही बंद हो जाता है।
महिलाओं और पुरुषों में दिल का दौरा पड़ने पर लक्षण अलग हो सकते हैं। पुरुषों को हार्ट अटैक के समय सीने में दर्द महसूस होता है, जबकि महिलाओं को ये दर्द हार्ट अटैक आने के कई हफ्ते पहले से महसूस होने लग सकता है।
ये होते हैं कॉमन लक्षण
हार्ट अटैक का पहला लक्षण सीने में दर्द होता है। ऐसे में लोगों को सीने में भारीपन, अकड़न जैसा महसूस होता है। ये दर्द सीने में ऊपर की तरफ होता है, जो जबड़े और दांतों में महसूस हो सकता है। अगर चलने फिरने या मेहनत का काम करने से सीने में दर्द बढ़ने लगे तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सीने में दर्द और पसीने आना भी गंभीर लक्षण हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर को संपर्क करने की आवश्यकता है।