उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर कमजोर होने लगता है और कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। महिलाओं के लिए बढ़ती उम्र में सेहत का ख्याल रखना ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाता है, क्योंकि महिलाओं के जीवन में 50 की उम्र एक बड़ा बदलाव लेकर आती है। इस उम्र के बाद हार्मोनल परिवर्तन, मेटाबॉलिज्म स्लो और बोन डेंसिटी में गिरावट जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। मेनोपॉज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल घट जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं।

आहार विशेषज्ञ केली प्लोवे ने बताया कि महिलाओं के लिए 50 की उम्र मेनोपॉज के माध्यम से उनकी यात्रा का अंतिम चरण है। इस दौरान शारीरिक बदलाव के साथ मेटाबॉलिज्म, हड्डियों के घनत्व और मांसपेशियों में भी बदलाव होता है, जिसका मतलब है कि जीवन के इस नए दौर में आपकी पोषक तत्वों की जरूरतें भी बदल जाती हैं। ऐसे में महिलाओं का उम्र बढ़ने के साथ ही अपने खानपान और लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखना चाहिए।

केली प्लोवे के मुताबिक, महिलाओं को 50 की उम्र में कैल्शियम, ओमेगा-3, प्रोटीन और फाइबर जैसे प्रमुख पोषक तत्वों को प्राथमिकता देना शुरू करने का सबसे अच्छा समय होता है।  केली प्लोवे ने बताया कि इस उम्र में पोषक तत्वों से भरपूर कुछ खास फूड्स को डाइट में शामिल कर लिया जाए, तो न केवल हड्डियां मजबूत बनती हैं बल्कि एनर्जी लेवल, इम्युनिटी और मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है।

नट्स

महिलाओं को अपने खानपान में नट्स को शामिल करना चाहिए। इससे दिमाग की सेहत बहुत अच्छी हो सकती है। अध्ययनों ने नियमित रूप से नट्स के सेवन को बेहतर याददाश्त और वृद्ध वयस्कों में तेज मानसिक प्रक्रिया से जोड़ा है। इसके अलावा पौधे-आधारित प्रोटीन और फाइबर का उनका संयोजन स्थिर एनर्जी और ब्लड शुगर के लेवल को बनाए रखने में मदद करता है। अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रदान करता है, जो स्वस्थ मस्तिष्क संरचना और तंत्रिका तंत्र के लिए बहुत लाभकारी है।

एवोकाडो

एवोकाडो को सुपर स्किन फूड भी कहा जाता है, क्योंकि एवोकाडो में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, विटामिन E और B भरपूर मात्रा में होता है। इससे स्किन को गहराई से पोषण मिलता है और त्वचा की नमी बनी रहती है। इसके अलावा एवोकाडो में हेल्दी फैट्स होते हैं, जो हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं।

डेयरी फूड्स

महिलाओं के लिए डेयरी फूड्स बहुत लाभकारी साबित हो सकते हैं, ये शरीर को कई पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करने में आपकी मदद कर सकता है। इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। एक गिलास दूध में 8 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि एक कप पनीर में 24 ग्राम प्रोटीन होता है प्रोटीन मांसपेशियों और हड्डियों के घनत्व में कमी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो एस्ट्रोजन के लेवल में कमी के कारण मेनोपॉज के दौरान बढ़ जाता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस और कमजोरी का खतरा कम हो जाता है।

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