छाती में दर्द की शिकायत के बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, अन्ना हजारे को पुणे के रूबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रुबी हॉल क्लिनिक के मेडिकल अधीक्षक डॉ अवधूत बोडमवाड़ ने पुष्टि की है कि अन्ना हजारे डॉक्टरों की देखरेख में हैं और उनकी हालत स्थिर है।
ख़बरों के मुताबिक अन्ना हजारे को छाती में तेज दर्द के साथ कमजोरी की शिकायत थी। जिस कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अब उनका इलाज चल रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अन्ना हजारे की एंजियोग्राफी हुई है। इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने को कहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अन्ना हजारे के अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। वहीं, मुख्यमंत्री ठाकरे जो खुद वर्तमान में एचएन रिलायंस अस्पताल में भर्ती हैं और फिजियोथेरेपी से गुजर रहे हैं, उन्होंने अन्ना हजारे के जल्दी सही होने की कामना की है।
क्या होती है एंजियोग्राफी: जीवनधारा हॉस्पिटल, पाली के जनरल फिजिशियन डॉक्टर विक्रम सिंह राठौर ने जनसत्ता डॉट कॉम से बात करते हुए बताया कि एंजियोग्राफी एक तरह का हार्ट टेस्ट होता है जिसमें डॉक्टर एक्स-रे के द्वारा शरीर के अंगों की जांच करते हैं। हाइपर टेंशन या ब्लड प्रेशर बढ़ जाने के बाद हार्ट अटैक या माइनर अटैक की संभावना जताने के बाद डॉक्टर मरीज की एंजियोग्राफी करवाते हैं। दरअसल हृदय के अंदर तीन आर्टरीज यानी धमनियां होती हैं। धमनियों या नसों में रक्त के प्रवाह और गतिविधि को देखने के लिए एंजियोग्राफी कराया जाता है।
लक्षण: डॉ. राठौर ने बताया कि हृदय रोग से पहले हर व्यक्ति है का ब्लड टेम्परेचर ऊपर नीचे होता है। व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बढ़ता है या फिर घटता है। यदि किसी भी मरीज को घबराहट होना, पसीना आना, बेचैनी होने के साथ सीने के बाएं तरफ दर्द होने का अनुभव होता है तो उसे अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और कुछ पता चले तो इस दिशा में गंभीरता से इलाज करना चाहिए।
बचाव: डॉ. राठौर के मुताबिक एंजियोग्राफी एक तरह का टेस्ट है यह कोई बीमारी नहीं है। लेकिन हमें हृदय रोग से बचना है। इससे बचने के लिए खानपान पर ध्यान रखने की जरुरत है। अधिक कोलस्ट्रोल वाले खाद्यपदार्थ नहीं खाने हैं। रोजाना कसरत और योग करना चाहिए, खुद को फ़ीट रखना है। डॉक्टर एंजियोग्राफी कराने की सलाह तब देते हैं जब हृदय रोग, किडनी संक्रमण, ट्यूमर एवं खून का थक्का जमने आदि जैसी समस्या होती है। इसलिए खुद के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।