कोलेस्ट्रॉल लीवर द्वारा निर्मित चिपचिपा पदार्थ है जो पाचन,विटामिन डी,कुछ हार्मोन के गठन और कोशिका झिल्ली के निर्माण के लिए जरूरी है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है एक लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) जिसे खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है जबकि दूसरे को हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन(HDL) यानि गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। बॉडी में खराब कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने पर बॉडी में कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं जैसे वजन का बढ़ना,पैरों में लगातार दर्द रहना,ज्यादा पसीना आना,स्किन के रंग में बदलाव करना,सीने में दर्द होना और क्रैंप्स शामिल हैं।

बॉडी में कोलेस्ट्रॉल हाई होने के लिए खराब डाइट,बिगड़ता लाइफस्टाइल,तनाव और शराब का अधिक सेवन जिम्मेदार है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लिए जैनेटिक कारण भी जिम्मेदार हैं। लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानि खराब कोलेस्ट्रॉल अगर 100 MG/DL से कम है तो बॉडी के लिए कोई खतरा नहीं है।

अगर कोलेस्ट्ऱल का स्तर 130 MG/DL से 159 MG/DL तक पहुंच जाए तों ये डेंजर लाइन को पार कर रहा है। वेबएमडी की खबर के मुताबिक खराब कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से दिल के रोगों का खतरा अधिक रहता है। डेंजर लाइन पर कोलेस्ट्रॉल का स्तर पहुंचने पर दिल के रोगों का जोखिम बढ़ सकता है।

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में कुछ खास तरह के बीज बेहद असरदार साबित होते हैं। तिल एक ऐसी होम रेमेडी है जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में बेहद फायदेमंद साबित होते हैं। ये बीज प्रोटीन, मैंगनीज, विटामिन ई, हेल्दी फैट और फाइबर समेत कई पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।

न्यूट्रिशन रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक सफेद तिल का सेवन खराब कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में भी सुधार करता है। आइए जानते हैं कि कैसे तिल का सेवन कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में असरदार साबित होता है।

तिल कैसे कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है:

तिल का सेवन करने से ट्राईग्लिसराइड का स्तर कंट्रोल रहता है और खराब कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल होता है। तिल के बीजों में मौजूद सेसमिन छोटी आंत से कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकने में मदद करता है। इसमें मौजूद अल्फा-लिनोलिक एसिड ट्राइग्लिसराइड लेवल को कम करने में मदद करता है। तिल में पाया जाने वाला घुलनशील फाइबर ब्लड फ्लो में कोलेस्ट्रॉल के अब्जॉर्ब्शन को रोककर खून में खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है। अगर आपका कोलेस्ट्रॉल का स्तर हाई जा रहा है तो तुरंत लक्षणों की पहचान करें और तिल के बीजों को अपनी डाइट में शामिल करें। तिल के बीज कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं।

तिल के बीज सेहत के लिए कैसे फायदेमंद हैं:

भारतीय योग गुरु, लेखक, शोधकर्ता और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र (Hansa Yogendra) के मुताबिक तिल का सेवन करने से वजन को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसका सेवन करने से बीपी कंट्रोल रहता है और ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहती है। ये बीज दिमाग को हेल्दी रखते हैं। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और हड्डियां मजबूत रहती है। आप तिल का सेवन किसी भी समय नाश्ते में कर सकते हैं।