तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्व हम सभी जानते हैं और यही कारण है कि यह पौधा लगभग हर भारतीय घर में पाया जाता है। तुलसी का पौधा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि आयुर्वेद में इसे बेहतरीन औषधि माना जाता है। वातावरण को शुद्ध करने वाला ये पौधा इम्यूनिटी में सुधार करता है और कई तरह की बीमारियों में फायदेमंद होता है। तुलसी की चाय और काढ़ा बनाकर अगर उसका नियमित सेवन किया जाए तो सर्दी और खांसी से बचाव किया जा सकता है। रोज तुलसी का सेवन करने से तनाव नियंत्रित रहता है।

आयुर्वेद के मुताबिक अगर तुलसी की कुछ पत्तियों को रोज चबा लिया जाए तो कई बीमारियां पास तक नहीं फटकती। तुलसी की पत्तियों का पानी रोज पीने से पॉल्यूशन से बचाव होता है और सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी टलता है। रोज तुलसी का सेवन करने से पाचन में सुधार होता है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर सुभाष गोयल ने बताया 24 घंटे ऑक्सीजन देने वाले तुलसी के पौधे की पत्तियों का सेवन अगर उसका पानी बनाकर किया जाए तो आसानी से पाचन को दुरुस्त किया जा सकता है और मोटापा को कंट्रोल किया जा सकता है। एक्सपर्ट ने बताया एक कांच की बोतल में थोड़ा पानी डालें, उसमें 10 पत्तियां तुलसी की रात भर भिगो दें और सुबह उसका सेवन करें, इससे आपकी पाचन से जुड़ी सारी परेशानियां दूर रहेंगी। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि तुलसी के पत्तों का पानी कैसे पेट की गैस, कब्ज और अपच का इलाज करता है।

कैसे पेट की आयुर्वेदिक औषधि है तुलसी के पत्तों का पानी

आयुर्वेद के मुताबिक तुलसी में  पाचन शक्ति बढ़ाने वाले गुण मौजूद होते हैं। तुलसी के पत्तों में पाचक और वातशामक गुण भी मौजूद होते हैं, जो पेट से जुड़ी कई समस्याओं में राहत दे सकते हैं। पाचन को दुरुस्त करने में ये पत्ते जादुई असर करते हैं। इन पत्तों को वात रोगों से छुटकारा पाने वाला भी माना जाता है। तुलसी के पत्तों का पानी शरीर में गैस बनने की प्रक्रिया को रोकता है। इस पानी को अगर रोज पूरा दिन पिया जाए तो पानी के स्वाद के साथ ही उसके गुणों में भी बढ़ोतरी होगी। ये पानी आंतों में जमा वात दोष को शांत करता है। इसका सेवन करने से पेट की सूजन या ब्लोटिंग कंट्रोल रहती है। तुलसी के पत्तों का पानी पेट में भारीपन होने की दिक्कत से छुटकारा दिलाता है।

जिन लोगों को कब्ज की परेशानी है वो रोज इस पानी को पिएं कब्ज में राहत मिलेगी। तुलसी के पत्तों में मौजूद नेचुरल तेल और रेशेदार तत्व आंतों की क्रिया को उत्तेजित करते हैं, जिससे मल आसानी से बाहर निकलता है और कब्ज की समस्या दूर होती है। रोज इसका सेवन करने से पुराने से पुराने कब्ज का इलाज होता है। जिन लोगों को अक्सर अपच और एसिडिटी ज्यादा रहती है अगर वो इस पानी को पूरा दिन पिएं तो उन्हें राहत मिलेगी। तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो पेट की जलन और एसिडिटी को कंट्रोल करते हैं। इन पत्तियों का पानी पीने से अपच से राहत मिलती है। ये पानी पाचन एंजाइम को तेजी से रिलीज करता है और पाचन में सुधार करता है।

तुलसी का पानी कैसे तैयार करें

तुलसी का पानी बनाने के लिए आप एक कांच की बोतल लें और उसमें साफ पानी भर दें। अब 10 तुलसी के पत्ते लें और उन्हें अच्छे से साफ करके बोतल के पानी में डाल दें। याद रखें कि ये पानी रात में बनाएं और सुबह अगले दिन पूरे दिन इस पानी का सेवन करें। आप तुलसी के पानी का सेवन उसके पत्तों को पानी में उबालकर भी कर सकते हैं। आप एक गिलास पानी में 10-12 तुलसी के पत्ते डालकर 5–10 मिनट तक उबालें। हल्का गुनगुना होने पर छान लें और खाली पेट या भोजन के बाद इस पानी का सेवन करें।

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