मूली एक ऐसी जड़ वाली सब्ज़ी है जो लगभग पूरे साल मिल जाती है, हालांकि यह असल में सर्दियों की फसल है। सफ़ेद, दूधिया मूली का सबसे अधिक इस्तेमाल सलाद और सब्ज़ी के रूप में किया जाता है। ये सब्ज़ी पोषक तत्वों से भरपूर और कम कैलोरी वाली होती है, इसलिए सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। मूली कई स्वास्थ्य समस्याओं में प्राकृतिक रूप से लाभ पहुंचाती है और खासतौर पर डायबिटीज़ के मरीजों के लिए बेहद उपयोगी साबित होती है। मूली कई रोगों में कारगर है। बवासीर की समस्या होने पर मूली का सेवन लाभकारी होता है। किडनी की समस्या में भी मूली फायदेमंद है क्योंकि यह मूत्रल (diuretic) गुणों वाली है और पेशाब को खुलकर लाने में मदद करती है।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया मूली का सेवन उसके पत्तों के साथ करें तो उसे पचाना आसान होता है। मूली के बीज भी बेहद पौष्टिक होते हैं। यदि इन्हें हल्का भूनकर पीसकर मिश्री मिलाकर सुबह-शाम एक-एक चम्मच दूध के साथ लिया जाए तो यह तंदुरुस्ती बढ़ाने में मदद करती हैं। कुछ लोगों को मूली पचती नहीं है जिसका कारण मूली खाने का गलत तरीका है। एक्सपर्ट ने बताया अगर आप मूली का पूरा फायदा लेना चाहते हैं और पाचन को दुरुस्त करना चाहते हैं तो मूली का सेवन सुबह नाश्ते में करें।
यदि आप सुबह खाली पेट नाश्ते में मूली का सेवन करते हैं तो इसके बाद आधा से एक घंटा कुछ और नहीं खाएं। वहीं अगर भोजन के बाद मूली सलाद के रूप में खानी हो तो इसे भोजन लगभग समाप्त होने के समय खाना शुरू करें। आइए जानते हैं कि मूली का सेवन करने से सेहत पर कैसा असर होता है और इसे पत्तों के साथ खाने से पाचन पर कैसा असर होता है।
मूली के सेहत के लिए फायदे
मूली एक ऐसी सब्जी है जो किडनी स्टोन का इलाज करती है। मूली लिवर और किडनी को स्वस्थ रखती है। मूली प्राकृतिक रूप से मूत्रल (diuretic) होती है, जो शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालने और किडनी की कार्यक्षमता सुधारने में मदद करती है। मूली में पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करते हैं और दिल के रोगों से बचाव करते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह डायबिटीज़ मरीजों के लिए फायदेमंद है।
मूली कम कैलोरी और अधिक फाइबर वाली सब्ज़ी है, जो लंबे समय तक पेट भरा रखती है और वज़न कम करने में मदद करती है। मूली का रस बलगम साफ करने और गले की खराश को कम करने में मदद करता है। मूली का सेवन उसके पत्तों के साथ करने से पीलिया की बीमारी का इलाज होता है। याद रखें कि मूली का सेवन सुबह और दिन में करें और रात में नहीं खाएं।
मूली के साथ उसके पत्ते कैसे पाचन पर करते हैं असर
आचार्य बालकृष्ण ने बताया अगर आपको एसिडिटी की परेशानी है तो आप मूली का सेवन उसके पत्तों के साथ करें। मूली के पत्ते पाचन को दुरुस्त करेंगे और बढ़ा हुआ लिवर ठीक हो जाएगा और पाचन ठीक रहेगा। मूली का सेवन करने से कब्ज दूर होता है और पाचन शक्ति में सुधार होता है। मूली का सेवन करने से पेट दर्द, पेट की गैस और एसिडिटी का इलाज होता है। मूली के पत्तों में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह का फाइबर पाया जाता है, जो आंतों की सफाई करता है, कब्ज़ को दूर करता है और पेट को हल्का रखता है। मूली के साथ मूली के पत्ते भी पेट से जुड़ी बीमारी का इलाज करते हैं। ये पत्ते पाचक रसों और एंज़ाइम्स के स्राव को बढ़ाते हैं, जिससे खाना आसानी से पचता है और गैस या अपच की समस्या कम होती है।
दही के साथ इन 4 सुपरफूड्स को मिक्स करके खाएं गट हेल्थ में होगा सुधार, आंत में बढ़ जाएंगे अरबों गुड बैक्टीरिया।इस जानकारी के लिए आप लिंक पर क्लिक करें।