ब्रोकली एक ऐसी सब्जी है जो कैबिज फैमिली की है। ये सब्जी अपने गुणों के कारण आजकल लोगों को बीच में काफी फेमस है। ब्रोकली एक ऐसी सब्जी है जिसका सेवन कच्चा, सूप बनाकर और स्टीम करके किया जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर इस सब्जी को कच्चा खाया जाए तो सेहत को ज्यादा फायदा होता है। इस सब्जी में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें विटामिन C, विटामिन-K, विटामिन-A और फोलेट मौजूद होता है जो बॉडी को हेल्दी रखता है।  फाइबर, प्रोटीन और मिनरल्स जैसे कैल्शियम, आयरन और जिंक से भरपूर ये सब्जी इम्यूनिटी को बूस्ट करती है। रोज अगर इसका सेवन किया जाए तो बीमारियों से बचाव होता है।

एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर और प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ बिमल झाजर ने बताया ये सब्जी सेहत के लिए अमृत है इसे ज्यादा पकाकर नहीं खाएं। इस सब्जी का सेवन करने से दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। इसमें कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने वाले गुण मौजूद हैं। एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर ये सब्जी आर्टिरीज को डैमेज होने से रोकती है।

हार्ट और स्ट्रोक के मरीजों के लिए ये सब्जी बेहद उपयोगी है। इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है और सूजन कंट्रोल रहती है। इसका सेवन करने से बॉडी डिटॉक्स होती है और हेल्दी रहती है। आप इसका सेवन कच्चा, उबालकर और स्टीम करके खा सकते हैं। ज्यादा उबालने से इसके पोषक तत्वों में कमी आती है। सेहत के लिए अमृत ये सब्जी कुछ बीमारियों में जहर का काम करती है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी बीमारियों में ब्रोकली का सेवन नहीं करना चाहिए।

थायराइड के मरीजों को ब्रोकली से करना चाहिए परहेज

ब्रोकली में गोट्रोजेनिक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में आयोडीन के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं। आयोडीन की कमी से हाइपोथायरॉयडिज्म की समस्या बढ़ सकती है। खासकर उन लोगों को सावधानी रखनी चाहिए जिन्हें पहले से ही थायराइड हार्मोन की कमी है। सीमित मात्रा में कम पकी हुई ब्रोकली का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन थायराइड के मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसे डाइट में शामिल करना चाहिए।

गैस, ब्लोटिंग की समस्या है तो ब्रोकली से परहेज करें

ब्रोकली में फाइबर और शर्करा होता हैं जो कुछ लोगों में गैस या अपच का कारण बन सकता हैं। जिन लोगों का पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता उनके लिए ये परेशानी पैदा कर सकता है।  ये तत्व बड़ी आंत में पहुंचकर बैक्टीरिया द्वारा फर्मेंट होते हैं जिससे पेट में गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जिन लोगों का पाचन तंत्र संवेदनशील होता है, उन्हें ब्रोकली खाने से बचना चाहिए। ऐसे लोग अगर कच्ची ब्रोकली का सेवन करते हैं तो पेट में जलन या भारीपन हो सकता है। पेट से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों को ब्रोकली पकाकर कम मात्रा में ही खाना चाहिए।

किडनी स्टोन के मरीज करें परहेज

ब्रोकली में ऑक्सलेट्स होता हैं जो किडनी स्टोन को बढ़ा सकता हैं, खासकर जिन लोगों को किडनी स्टोन की शिकायत है उनकी दिक्कत बढ़ा सकता है। ब्रोकली में ऑक्सलेट्स नामक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन बना सकते हैं, जो सबसे आम प्रकार की किडनी स्टोन है। जिन लोगों को पहले से ऑक्सलेट-टाइप पथरी की समस्या है, उनके लिए ब्रोकली का अधिक सेवन जोखिम बढ़ा सकता है।

एलर्जी है तो करें परहेज

कुछ लोगों को क्रूसिफेरस सब्जियों से एलर्जी होती है।  ब्रोकली भी उन्हीं में से एक सब्जी है जिसका सेवन करने से एलर्जी हो सकती है। इस सब्जी को खाने से स्किन रैश, खुजली और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।  ब्रोकली में मौजूद कुछ प्रोटीन शरीर की इम्यूनिटी को ट्रिगर कर सकते हैं, जिससे एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। इसके लक्षणों में त्वचा पर रैश, खुजली, सूजन, गले में जलन, छींकें, या सांस लेने में तकलीफ हो सकती हैं।

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