डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। आयुर्वेद के मुताबिक डायबिटीज की बीमारी वात,पित और कफ बढ़ने की वजह से होती है। हॉम्योपैथिक के मुताबिक सोरा सिफलिस साइकोसिस के गढ़बढ़ होने के कारण डायबिटीज की बीमारी होती है। जबकि एलोपैथी के मुताबिक डायबिटीज की बीमारी पैंक्रियाज में इंसुलिन का उत्पादन कम होने की वजह से होती है। ज्यादातर देखा गया है जो लोग मॉडर्न इलाज की तरफ जाते हैं वो जिंदगी भर इस बीमारी को कंट्रोल करने की दवाईयों का सेवन करते रहते हैं। इस बीमारी की वजह से इन लोगों को और भी कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है। डायबिटीज की वजह से लीवर डैमेज होने का, किडनी खराब होने का,इंफर्टिलिटी की परेशानी का खतरा बढ़ने लगता है।

कुछ खास नुस्खों का इस्तेमाल आपके वात,पित्त और कफ को बैलेंस कर देगा और पैंक्रियाज इंसुलिन का अधिक उत्पादन करने लगेगा। कुछ खास असरदार नुस्खे hba1c का स्तर 7 होने पर भी एक से दो महीने में पांच साढ़े पांच ला सकते हैं। डायबिटीज के लक्षणों की बात करें तो बार-बार ज्यादा पेशाब आना,बालों का झड़ना,वजन का तेजी से कम होना और किसी भी बीमारी में दवाओं का असर नहीं करना डायबिटीज के लक्षण हैं।

हॉम्योपैथिक डॉक्टर मंदीप दहिया के मुताबिक डायबिटीज का ट्रीटमेंट करने के लिए हरड़,आंवला और बहेड़ा के चूर्ण का इस्तेमाल डायबिटीज का स्तर 400 mg/dl पार होने पर भी ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकता हैं। आयुर्वेद के मुताबिक ये देसी नुस्खा वात,पित्त और कफ को बैलेंस करता है और कई ऑटोइम्यून डिजीज को ठीक करता है।

मॉडर्न साइंस के मुताबिक हरड का सेवन पाचन दुरुस्त रखता है और ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है। बहेड़ा का सेवन आपकी ओवर ऑल बॉडी को हेल्दी रखता है। आंवला एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भपूर होता है जो बॉडी की कमजोरी को दूर करता है और बॉडी को एक्टिव और हेल्दी बनाता है। ये त्रिफला चूर्ण डायबिटीज को कंट्रोल करने में बेहद असरदार होता है। आइए जानते हैं कि इसे कैसे तैयार करें और कितना सेवन करें।

हरड़,आंवला और बहेड़ा का सेवन कैसे करें:

त्रिफला चूर्ण का सेवन सभी पैथी में शुगर को कंट्रोल करने में गुणकारी है। टाइप 2 डायबिटीज के मरीज त्रिफला चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। आप चाहें तो आंवला, बहेड़ा एवं हरड़ को एक साथ मिलाकर पाउडर बना लें और उसका एक चमम्मच रोजाना सेवन करें। त्रिफला की मदद से आप डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं। डायबिटीज रोगी त्रिफला का सेवन करेंगे तो पैनक्रियाज इंसुलिन का तेजी से उत्पादन करेगा और ब्लड शुगर को कंट्रोल करेगा।

हरड़,आंवला और बहेड़ा का चूर्ण कैसे तैयार करें:

हरड़, बहेड़ा तथा आंवला के चूर्ण को 1:2:3: मात्रा में मिलाकर त्रिफला चूर्ण बनाया जाता है। त्रिफला वात, कफ और पित्त को ठीक करता है। यह पेट को साफ करता है और डायबिटीज को कंट्रोल करता है।