सर्दी में पाचन से जुड़ी परेशानियां बहुत ज्यादा होती हैं।  ठंड के कारण मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ने लगता है, जिससे खाना धीरे पचता है और इसका असर वजन, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं पर दिखाई देता है। ऐसे मौसम में शरीर को पर्याप्त हाइड्रेशन देना, गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ खाना और डाइट में फाइबर से भरपूर सब्जियां, दालें और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करना बेहद ज़रूरी है। साथ ही सुबह गर्म पानी पीना, हल्की वॉक करना और भारी-तैलीय भोजन से बचना पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है। सर्दियों में सही डाइट और लाइफस्टाइल अपनाकर आप पाचन को मजबूत, शरीर को हल्का और एनर्जी लेवल को बेहतर बना सकते हैं।

कुदरत ने सर्दी में हमें कुछ हेल्दी फूड्स दिए हैं जो हमारी उस मौसम में होने वाली समस्याओं का समाधान करते हैं। सर्दी के मौसम में सरसों के साग का सेवन हमारी बॉडी के लिए दवा की तरह असर करता है। सरसों का साग और मक्का की रोटी सर्दी की बेस्ट पंजाबी फूड डिश है। सर्दी में सरसों का साग नेचुरल एनर्जी बूस्टर है जो प्राकृतिक रूप से गर्म तासीर वाला होता है।

ये साग एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो बॉडी में एनर्जी भर देता है। इसे खाने से स्टैमिना बूस्ट होता है और  ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। सर्दी में बॉडी को गर्म रखने के लिए लोग सरसों के साग के साथ मक्का की रोटी चाव से खाते हैं। ये पंजाबी डिश न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है बल्कि इसके फायदे भी बेहद हैं।  इसका सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और बलगम साफ होता है। मकई के आटे और घी के साथ इस साग का सेवन बॉडी को भरपूर एनर्जी देता है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया सर्दी में अगर आप कब्ज, पेट की गैस, अपच और पाचन से जुड़ी दूसरी समस्याओं से परेशान हैं तो आप डाइट में सरसों के साग का सेवन करें। इस साग में अदरक का पेस्ट मिलाकर बनाएं और फिर उसे खाएं तो पेट से जुड़ी समस्या जैसे ब्लोटिंग कंट्रोल रहेगी। सरसों के पत्तों में फोलिक एसिड और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो B12 के अवशोषण में मदद करते हैं। आइए जानते हैं कि सरसों का साग कैसे पाचन में सुधार करता है और बॉडी को फायदा पहुंचाता है।

सरसों का साग कैसे पाचन को दुरुस्त करता है?

आचार्य बालकृष्ण ने बताया सरसों का साग शरीर में मल वृद्धि कर सकता है। इसका सेवन करने से पेट में जमा गंदा मल साफ होता है, पेट और आंतों की सफाई होती है। सरसों का साग तासीर में व्युघ्नकारक माना जाता है, यानी यह कुछ लोगों में पाचन संबंधी समस्या बढ़ा सकता है। इसलिए पारंपरिक रूप से सरसों के साग में अदरक डाला जाता है ताकि इसकी दोष बढ़ाने वाली प्रकृति संतुलित हो सके। अदरक इसके दोषों को शांत करता है और इसे पचने में आसान बनाता है। इस वजह से सर्दियों में सरसों का साग बनाकर खाना बेहद फायदेमंद माना जाता है। सरसों का साग पोषक तत्वों से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जी है जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाती हैं। सरसों के साग का सेवन करने से बॉडी में विटामिन बी 12 का अवशोषण करने में मदद मिलती है।

सरसों के साग में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह का फाइबर मिलता है। यह आंतों की सफाई करता है, कब्ज दूर करता है और खाने के बाद भारीपन नहीं होने देता। इसमें मौजूद ग्लूकोसिनोलेट्स और एंटीऑक्सीडेंट पाचन एंजाइमों को एक्टिव करते हैं, जिससे खाना जल्दी टूटता और आसानी से पचता है। सरसों के साग में सूजन-रोधी गुण भी मौजूद होते हैं जो पेट की  गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी जैसी समस्याओं को कम करने में मददगार होते हैं। इस साग में मौजूद फाइबर आंतों में गुट बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जिससे दीर्घकालिक रूप से पाचन मजबूत होता है। सरसों के पत्तों की तासीर हल्की गर्म होती है, जो सर्दियों में पाचन को सुचारू रखने में मदद करती है।

सर्दी में सरसों के साथ अदरक का सेवन कैसे फायदेमंद है?

सर्दियों में सरसों का साग और अदरक का कॉम्बिनेशन पाचन के लिए अमृत माना जाता है। दोनों की तासीर गर्म होती है और इनके पोषक तत्व मिलकर पेट को मजबूत बनाते हैं।  सरसों के पत्तों में मौजूद ग्लूकोसिनोलेट्स और एंटीऑक्सीडेंट पाचन एंजाइमों को सक्रिय करते हैं। वहीं अदरक शरीर में गर्माहट बढ़ाकर सर्दियों में धीमा पड़ा मेटाबॉलिज्म तेज करता है। सरसों का साग कभी-कभी गैस बढ़ा सकता है, लेकिन अदरक इसकी इस कमी को पूरा करता है। अदरक में मौजूद जिंजेरॉल गैस, सूजन और पेट फूलने को तुरंत कम करता है।

सरसों का साग फाइबर से भरपूर है, जो आंतों की मूवमेंट को बेहतर बनाता है। अदरक पाचन रस बढ़ाता है, जिससे खाना जल्दी टूटता और आसानी से पचता है, दोनों मिलकर कब्ज में तेज राहत देते हैं। ठंड से पाचन धीमा हो जाता है और शरीर सुस्त हो जाता है। सरसों और अदरक की गर्म तासीर पेट में हीट पैदा कर पाचन को सक्रिय रखती है, जिससे एसिडिटी, अपच, भारीपन जैसी समस्याएं नहीं होतीं। इन दोनों सब्जियों को कॉम्बिनेशन में खाने से आंतों में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं और पाचन तंत्र मजबूत होता है।

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