हमारी रोज़मर्रा की थाली में अनाज एक अहम भूमिका निभाते हैं। रोटी, चावल, दाल और मिलेट्स हमारी डाइट का मुख्य हिस्सा हैं। रोटी खासतौर पर हर खाने में आम तौर पर शामिल रहती है। जबकि दाल, चावल और सब्जियों में वैरायटी होती है, रोटी अधिकांश लोगों की थाली में नियमित होती है। अधिकतर लोग गेहूं की रोटी खाते हैं। गेहूं में ग्लूटेन होता है, जो सामान्य लोगों के लिए आमतौर पर सुरक्षित है, लेकिन कुछ लोग जैसे कि ग्लूटेन असहिष्णुता वाले या संवेदनशील पेट वाले लोग, इसके सेवन से परेशानी महसूस कर सकते हैं। डायबिटीज और हृदय रोगियों के लिए रिफाइंड गेहूं के आटे की रोटी हानिकारक साबित हो सकती है। अधिक कैलोरी वाले इस आटे की रोटी का दो से ज्यादा सेवन करने से मोटापे और ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है।
आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक अगर आप अपनी रोटी को बहुत ज्यादा पौष्टिक, हेल्दी, डायबिटीज और हार्ट फ्रेंडली बनाना चाहते हैं तो आप गेहूं के आटे की रोटी नहीं बल्कि बेसन के आटे की रोटी का सेवन करें। बेसन का आटा बेहद पौष्टिक होता है जिसे चने को पीसकर तैयार किया जाता है। बेसन का उपयोग रोटी, परांठा, सब्जी, करी, पकौड़े और कई तरह के व्यंजनों में किया जाता है।
यह आटा स्वाद में जितना लाजवाब है, उतना ही सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसमें प्रोटीन, फाइबर और जरूरी मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर को हेल्दी बनाए रखते हैं। आइए जानते हैं कि बेसन का आटा कैसे दिल को हेल्दी रखता है और डायबिटीज कंट्रोल करता है। इस आटे की रोटी खाने से सेहत को कौन-कौन से फायदे होते हैं।
बेसन कैसे कोलेस्ट्रॉल करता है कंट्रोल और दिल रहता है हेल्दी
एक शोध में यह सामने आया है कि बेसन में पाए जाने वाले घुलनशील फाइबर (dietary fiber) शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में मदद करते हैं। यह हृदय को स्वस्थ रखने में भी सहायक होता है। बेसन में मौजूद प्रोटीन और फाइबर न केवल पाचन के लिए फायदेमंद है बल्कि कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद सॉल्युबल फाइबर रक्त में LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और HDL कोलेस्ट्रॉल को बनाए रखता है। ये दिल की सेहत में सुधार करता है और दिल के रोगों से बचाव करता है।
बेसन में मैग्नीशियम, पोटैशियम जैसे आवश्यक मिनरल्स होते हैं जो दिल की सेहत के लिए उपयोगी हैं। तीन चम्मच बेसन में उतना ही पोटैशियम होता है जितना एक केले में होता है। पोटैशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस आटे की रोटी बनाकर अगर खाएंगे तो दिल हेल्दी रहेगा।
ब्लड शुगर करता है नॉर्मल
हेल्थलाइन के मुताबिक बेसन का सेवन डायबिटीज़ रोगियों के लिए भी लाभदायक है। इसमें फाइबर और प्रोटीन की अधिकता के कारण कार्बोहाइड्रेट धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे अचानक ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ता। शोध के अनुसार भोजन के साथ या बाद में बेसन या काले चने का सेवन ब्लड शुगर को लगभग 36% तक कम कर सकता है।
बेसन के आटे के फायदे
बेसन में ग्लूटेन नहीं होता, इसलिए यह ग्लूटेन-संवेदनशील लोगों के लिए भी सुरक्षित और फायदेमंद है। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का संतुलित मिश्रण होने के कारण यह लंबे समय तक बॉडी को एनर्जी देता है। फाइबर की अधिकता से ये पाचन प्रणाली को मजबूत करता है और मेटाबॉलिज़्म में सुधार करता है। फाइबर से भरपूर बेसन लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता जिससे ओवरईटिंग कंट्रोल रहती है और वजन कम रहता है। बेसन सिर्फ खाने में ही नहीं, बल्कि स्किन की देखभाल में भी बहुत उपयोगी है।
चेहरे पर बेसन और गुलाब जल का पेस्ट लगाने से स्किन साफ, चमकदार और एक्ने फ्री होती है। बेसन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और पाचन में आसान होती है, जिससे मोटापा बढ़ने का खतरा कम होता है। नियमित रूप से बेसन का सेवन करने से शरीर को जरूरी मिनरल्स और प्रोटीन मिलते हैं जिससे हृदय मजबूत रहता है और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है।
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