डॉ. नितिन कुमार
शराब का शरीर के तमाम अंगों पर बुरा असर पड़ता (Alcohol Side Effects) है, लेकिन सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव जो अंग झेलता है, वह है किडनी (Kidney)। किडनी, शरीर से अल्कोहल समेत तमाम विषैले तत्वों और अपशिष्ट पदार्थों को छानकर बाहर निकालता है। लेकिन, अत्यधिक शराब के सेवन से तमाम गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक शुरुआत में मानसिक और शारीरिक तालमेल बिठाने में दिक्कत होती है और भ्रम जैसी स्थिति पैदा होती है। ओवर ड्रिंकिंग की वजह से 7-8 घंटों के बाद सिरदर्द और हैंगओवर हो जाता है। WHO के अनुसार, शराब के कारण भारत में हर साल 2.6 लाख लोगों की जान चली जाती है।
शराब से किडनी पर क्या असर पड़ता है? (Alcohol Side Effects on Kidney)
1- किडनी खराब हो जानाः जब खून में बहुत ज्यादा मात्रा में अल्कोहल होती है, तो किडनी प्रभावशाली तरीके से काम नहीं कर पाती। खून से विषैले तत्वों फिल्टर नहीं कर पाती। इस वजह से अल्कोहल प्वाईज़निंग हो सकती है। किडनी (Kidney) अचानक काम करना बंद कर सकती है, इसे एक्यूट किडनी फेल्योर कहते हैं। लाइफस्टाइल में बदलाव कर यह स्थिति बेहतर हो सकती है, लेकिन गंभीर केस में किडनी परमानेंट डैमेज भी हो सकती है।
2- किडनी की क्षमता घटना: शराब सेवन से रक्तचाप और टाईप 2 डायबिटीज़ (Type 2 Diabetes) का जोखिम बढ़ जाता है। इस वजह से भी किडनी की बीमारियां हो सकती हैं। शराब के अत्यधिक सेवन से किडनी की क्षमता घटती जाती है और किडनी को स्थाई क्षति पहुंच सकती है।
3- किडनी में पथरीः प्राथमिक विश्लेषण के अनुसार शरीर में पानी की कमी होने पर किडनी में पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है। मदिरा सेवन से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे किडनी में पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है।
4- पहले से मौजूद किडनी की समस्याएं और बिगड़ जाती हैंः मदिरा सेवन किडनी की मौजूदा समस्याओं को और ज्यादा बिगाड़ सकता है। इसका मरीज द्वारा अन्य बीमारियों के लिए ली जाने वाली दवाईयों पर भी असर हो सकता है। इसलिए इन दोनों को कभी नहीं मिलाना चाहिए।
किडनी की बीमारी के प्रारंभिक लक्षण
– मतली आना
– भूख न लगना
– सांस फूलना
– नींद न आना या नींद में आराम न मिलना
– अनियंमित मूत्र आना
– शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन हैं।
किडनी खराब हुई तो कैसे होता है इलाज?
शराब के कारण होने वाले किडनी की बीमारियों (Kidney Disease) का इलाज एंटीबायोटिक्स, खून से विषैले तत्वों को बाहर निकालने के लिए डायलिसिस और दवाईयों से किया जाता है। गंभीर केस में किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत भी पड़ सकती है। ऐसे जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव और मदिरा सेवन को सीमित कर देना, बीमारी रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि कोई भी असामान्य लक्षण नजर आए, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और समय पर इलाज शुरू कर देना चाहिए।