एक शोध में पाया गया है कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं को हार्ट अटैक और डायबिटीज का खतरा बाकी महिलाओं की तुलना मे अधिक होता है। ऐसे में मेनोपॉज की उम्र में आने से पहले और मेनोपॉज के दौरान महिलाएं अपनी जीवनशैली में कुछ स्वस्थ बदलाव करके इस खतरे को कम कर सकती हैं। आपको हृदयाघात के खतरे से बचने के लिए व्यायाम करना चाहिए और कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। हाल ही में आए इस शोध में कहा गया है कि व्यायाम और कम कैलोरी वाले आहार लेने से महिलाएं मेनोपॉज के बाद हार्ट अटैक और डायबिटीज(टाइप-2) की संभावनाओं से बच सकती हैं।
शोध के अनुसार, जो महिलाएं शारीरिक रूप से सक्रिय रहती हैं, उन्हें सुस्त महिलाओं की तुलना में मेटाबॉलिक सिंड्रोम कम होता है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम उन शारीरिक कारकों में से एक है जिनसे हृदय संबंधी रोग, अटैक और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। मरीज में अत्यधिक चर्बी बढ़ने, अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटने, खून में चर्बी की मात्रा बढ़ने, हाई ब्लड प्रेशर और हाई ब्लड शुगर होने पर मेटाबॉलिक सिंड्रोम की पहचान की जाती है।
अमेरिका स्थित स्टैंडफोर्ड हेल्थ केयर की एसोसिएट प्रोफेसर एस. ली ने बताया, “पूर्व का अध्ययन मेनोपॉज के बाद महिलाओं में कार्डियोवस्कुलर डिजीज और टाइप-2 डायबिटीज पर केंद्रित रहा है। इस अध्ययन से महिलाओं को काफी मदद मिलेगी क्योंकि मेनोपॉज के बाद कई रोगों की रोकथाम पर केंद्रित है।”
ली ने कहा, “अध्ययन में हमने पाया मेनोपॉज के बाद व्यायाम और कम कैलोरी के आहार का सेवन करने से महिलाओं को मेटाबॉलिक सिंड्रोम की शिकायत से निजात मिल सकती है।” गौरतलब है कि यह रिसर्च ‘जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्राइनोलोजी एंड मेटाबॉलिज्म’ में पब्लिश हुआ है। शोध में अधेड़ उम्र की 3,003 महिलाओं को शामिल किया गया।