लिवर शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो शरीर के लिए बहुत आवश्यक कार्य करता है। जब लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा होता है, तो शरीर के कई फंक्शन खराब हो जाते हैं और कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। लिवर में किसी भी प्रकार की कोई समस्या होने पर इसके लक्षण सबसे पहले पैरों में दिखाई देते हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलरी साइंसेज नई दिल्ली के डायरेक्टर, डॉ. सरीन ने लिवर की समस्या होने पर पैरों में दिखाई देने वाले लक्षण बताए हैं। इसके साथ ही ये भी बताया कि लिवर की हेल्थ को कैसे अच्छा बनाए रखा जा सकता है।

डॉ. सरीन ने बताया कि खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते शरीर के अंग प्रभावित होने लगते हैं, जिसके चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक बढ़ जाता है। जिसमें लिवर से जुड़ी समस्याएं भी बहुत आम हो गई हैं। ऐसे में लिवर का हेल्दी रहना बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि, लिवर का सबसे मुख्य काम शरीर में खून को साफ कर विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिन को निकालना है। इसके अलावा लिवर अगर हेल्दी बना रहता है तो कई बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।

उन्होंने बताया कि लिवर पाचन तंत्र, डिटॉक्सिफिकेशन और मेटाबॉलिज्म का मुख्य अंग है। लिवर ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के साथ-साथ खून के थक्के को कंट्रोल करता है। जब लिवर बीमार या क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो सेहत भी बिगड़ने लगती है और इसके कई लक्षण पैरों पर भी दिखाई देते हैं।

पैरों में सूजन

अगर लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो शरीर में पानी जमा होने लगता है। खास तौर पर लिवर सिरोसिस में प्रोटीन की मात्रा कम होने से खून से तरल पदार्थ बाहर निकलने लगता है, जिससे पैरों में सूजन आ जाती है। यह सूजन एड़ियों से शुरू होकर धीरे-धीरे टखनों तक पहुंच जाती है। यह अक्सर दर्द रहित होती है, इसलिए लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, लेकिन अगर ऐसी सूजन बनी रहती है, तो यह लिवर की समस्याओं का एक गंभीर चेतावनी संकेत हो सकता है।

पैरों में थकान और कमजोरी

लिवर शरीर से विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिन्स को बाहर निकालने का काम करता है, लेकिन जब यह ठीक से काम नहीं करता है, तो शरीर में विषाक्त पदार्थ यानी टॉक्सिन जमा हो जाते हैं और थकान का कारण बनते हैं। पैरों में लगातार भारीपन और चलते समय कमजोरी महसूस होना जैसे लक्षण इसके संकेत हैं। कई बार ये लक्षण सिर्फ काम से थकान के कारण होते हैं, लेकिन अगर सही नींद और खानपान के बावजूद यह स्थिति बनी रहती है, तो लिवर की जांच करवाना जरूरी है।

त्वचा का पीला पड़ना और खुजली होना

जब लीवर खराब हो जाता है, तो बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है और इससे त्वचा के रंग में बदलाव होता है। यह स्थिति सिर्फ चेहरे या आंखों तक ही सीमित नहीं है। पैरों में भी पीलापन और खुजली हो सकती है। कुछ लोगों को पैरों के तलवों में बहुत खुजली होती है, खासकर रात में। ये लक्षण शुरू में हल्के होते हैं, लेकिन अगर ये गंभीर हो जाएं, तो ये लिवर की बीमारी का संकेत हो सकते हैं।

वहीं, जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, खराब लाइफस्टाइल के कारण तनाव होता है और इससे मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है।