उम्र बढ़ने का असर बॉडी के हर एक अंग पर पड़ता है। बढ़ती उम्र में हड्डियां कमजोर होने लगती है, मांसपेशियों की ताकत कम होने लगती है, इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है, इंटरनल ऑर्गन जैसे किडनी,लंग्स और दिल की काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। बढ़ती उम्र का असर सिर्फ शरीर पर ही नहीं पड़ता बल्कि मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करता है। उम्र बढ़ने पर याददाश्त कमजोर होने लगती है, एकाग्रता में कमी आने लगती है और ब्रेन से जुड़ी कई बीमारियों जैसे डिमेंशिया और अल्जाइमर का खतरा भी बढ़ने लगता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ब्रेन हेल्थ से मतलब है संज्ञानात्मक (cognitive), भावनात्मक (emotional) और व्यवहारिक (behavioral) क्षेत्रों में सही ढंग से काम करना। दुनिया भर में लगभग 5.5 करोड़ लोग डिमेंशिया से जूझ रहे हैं और हर साल करीब 1 करोड़ नए मामले सामने आते हैं।

अगर आप बढ़ती उम्र में भी अपनी मानसिक सेहत को दुरुस्त करना चाहते हैं, याददाश्त को दुरुस्त करना चाहते हैं और भूलने की बीमारी से निजात पाना चाहते हैं तो कुछ आदतों को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लें। कुछ आदते ऐसी हैं जो आपके ब्रेन को चार्ज करती है, मानसिक स्थिति को बेहतर बनाती है और याददाश्त को दुरुस्त करके ब्रेन की बीमारियों से बचाव करती हैं।  कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि कुछ खास आदतों को अपनाकर लगभग 40% डिमेंशिया को रोका जा सकता है। आइए जानते हैं कि बढ़ती उम्र में कैसे ब्रेन को शॉर्प करें।

मेंटल एक्सरसाइज कीजिए शॉर्प रहेगा ब्रेन

मानसिक एक्सरसाइज से मतलब कोई डंबल उठाने से नहीं है बल्कि आपको ऐसी आदते अपनाने से हैं जो आपकी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाती हैं। आप किताबें पढ़ें, मैथ पज़ल्स हल करें, कोई नई स्किल सीखें,रचनात्मक काम करें। ये सब आदतें हमारे दिमाग को शॉर्प करती हैं और याददाश्त को दुरुस्त करती हैं। हार्वर्ड के शोधकर्ताओं के मुताबिक मानसिक रूप से उत्तेजक गतिविधियां कॉग्निटिव रिज़र्व बनाती हैं, जो उम्र बढ़ने पर याददाश्त में गिरावट को धीमा कर सकती हैं।

रोजाना 30 मिनट की वॉक करें

शारीरिक गतिविधि ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करती हैं। ये हमारी स्मृति और सोचने की क्षमता को मजबूत करती है। नियमित व्यायाम करने वाले वयस्कों में बेहतर सोचने की क्षमता और अल्ज़ाइमर का कम खतरा देखा गया है। सिर्फ़ 30 मिनट की तेज़ वॉक आपकी मानसिक सेहत में बड़ा सुधार कर सकती है।

हेल्दी डाइट करती है ब्रेन तेज

डाइट का दिमाग़ की कार्यक्षमता पर सीधा असर पड़ता है। डाइट में हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, बेरीज़, मेवे और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स का सेवन करने से  याददाश्त और सीखने की क्षमता बढ़ती हैं। डाइट में आप ज्यादा चीनी और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें ये स्मृति और सोचने की क्षमता पर नकारात्मक असर डाल सकते है। Mediterranean + DASH डाइट अल्ज़ाइमर का जोखिम घटाने में असरदार मानी जाती है।

नींद भी है जरूरी

नींद न सिर्फ तनाव को कंट्रोल करती है बल्कि ब्रेन के टॉक्सिन को भी बाहर निकालती है। न्यूरोसर्जन्स का कहना है कि रोज़ाना 7–8 घंटे की गहरी और गुणवत्तापूर्ण नींद दिमाग़ की सेहत को दुरुस्त करने में सबसे असरदार साबित होती है। खराब नींद को डिमेंशिया और याददाश्त में गिरावट से जोड़ा गया है।

सोशल गैदरिंग बढ़ाएं

दिमाग को दुरुस्त रखना चाहते हैं और याददाश्त तेज करना चाहते हैं तो आप दोस्तों के सथ वक्त गुजारें। लोगों से मिलने से अकेलापन दूर होता है।सामाजिक दूरी दिमाग़ी क्षमता को कमज़ोर कर सकती है और गिरावट की गति बढ़ा सकती है।

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