आंखें हमारी जिंदगी का सबसे अनमोल तोहफा हैं, इनके बिना हम इस खूबसूरत दुनिया को देख ही नहीं सकते। आंखों की रोशनी की मदद से हम अपने आस-पास की चीजों को पहचानते हैं, लोगों से संवाद करते हैं, पढ़ते-लिखते हैं और अपना हर जरूरी काम पूरा करते हैं। इसलिए आंखों की सेहत को बनाए रखना बेहद जरूरी है। खराब लाइफस्टाइल और खराब डाइट का असर हमारी आंखों पर सबसे ज्यादा पड़ता है। लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी देखने से आंखों पर दबाव बढ़ता है, जिससे आंखें सूखने, दर्द और धुंधला दिखने की समस्या हो सकती है। नींद की कमी, धूप में ज्यादा रहने से भी आंखों की रोशनी कम होने लगती है।
आंखों की सेहत के लिए हेल्दी डाइट का सेवन सबसे अहम है। डाइट में विटामिन A, विटामिन C, विटामिन E और ओमेगा-3 फैटी एसिड और जिंक से भरपूर चीजें जैसे गाजर, हरी सब्जियां, मछली, अखरोट, और अमरूद का सेवन असरदार साबित होता है। स्क्रीन टाइम कम करने से आंखों पर दबाव कम पड़ता है और आंखों की रोशनी भी कायम रहती है। आंखों को हेल्दी रखने के लिए आंखों की नियमित रूप से हर 6 महीने में एक बार आई स्पेशलिस्ट से जांच कराना जरूरी है।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक आंखों की रोशनी बढ़ाने में आयुर्वेदिक तरीके बेहद असरदार साबित होते हैं। कुछ देसी तरीकों को अपनाकर आप आसानी से अपनी आंखों की रोशनी को बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं कि आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए कौन-कौन से तरीके असरदार साबित होते हैं।
सुबह पानी से आंखों को धोएं
सुबह उठते ही मुंह में पानी भरकर 2 मिनट रखें और फिर नल के पानी से आंखों पर 20 से 25 बार छींटे मारें। ठंडे पानी के आंखों पर छींटे मारने से आंखों को फायदा होगा। ये तरीका हर उम्र के लोग यानी बच्चे, युवा या बुजुर्ग सभी अपना सकते हैं। मुंह में पानी भरकर लगभग 25 बार आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारें। इससे आंखों की मांसपेशियां एक्टिव होती हैं और आंखों की रोशनी बेहतर होती है।
पानी से आंख धोने का सही तरीका
आंखों में छींटे देते समय बहुत दूर से नहीं बल्कि पास से धीरे-धीरे पानी डालें ताकि हल्का पानी अंदर तक पहुंचे। यह तरीका आंखों की सफाई करता है, थकान दूर करता है और नियमित रूप से करने पर चश्मा नंबर कम होने में भी मदद करता है।
बच्चों को बनाएं नियमित
आजकल छोटे बच्चों में चश्मा लगने की समस्या बढ़ रही है, ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि बच्चों को सुबह आंखों में पानी के छींटे डालने की आदत डालें। इसके साथ ही बच्चों को हल्का प्राणायाम और योगासन भी करवाएं, इससे आंखों की रोशनी और समग्र सेहत दोनों में सुधार होता है।
त्रिफला घृत और आंवला का करें उपयोग
आयुर्वेद में त्रिफला घृत को आंखों के लिए अमृत कहा गया है। थोड़ा सा त्रिफला घृत गुनगुने दूध में मिलाकर देने से पाचन सुधरता है और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
इसके अलावा सूखा आंवला या त्रिफला चूर्ण पानी में रातभर भिगोकर सुबह छान लें और उस पानी से आंखें धोएं। यह आंखों को ठंडक और पोषण दोनों देता है।
योग और प्राणायाम का सहारा लें
आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए केवल बाहरी उपाय नहीं, बल्कि अंदरूनी संतुलन भी ज़रूरी है। हर सुबह कम से कम 20–30 मिनट प्राणायाम और सूर्य नमस्कार करें। यह शरीर में रक्त संचार और ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाता है, जिससे आंखों तक पोषण बेहतर ढंग से पहुंचता है।
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