खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव ने लोगों को एक साथ ही कई क्रॉनिक बीमारियों का शिकार बना दिया है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और थॉयराइड ऐसी बीमारियां हैं जो लोगों को तेजी से अपना शिकार बना रही हैं। कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें डायबिटीज, बीपी और थॉयराइड एक साथ है। मधुमेह, हाई बीपी या किसी अन्य पुरानी बीमारी की चपेट में हैं तो अपनी सेहत का ध्यान रखें। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके रिस्क फेक्टर ज्यादा हैं।
अगर शुगर को कंट्रोल नहीं किया जाए तो बॉडी के जरूरी अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वो समय-समय पर ब्लड शुगर का स्तर चेक करें और शुगर को कंट्रोल करने के लिए दवाईयों का सेवन करें। बॉडी को एक्टिव रखकर और कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर भी शुगर को कंट्रोल रखा जा सकता है।
अगर आप रेगुलर शुगर को चेक करते हैं तो आपको उसके घटने और बढ़ने का अंदाजा रहता है। फास्टिंग ब्लड शुगर (blood sugar level) 70-100 mg/dl के बीच नॉर्मल है। खाने के 2 घंटे बाद 180 mg/dL को ठीक माना जाता है लेकिन इससे ज्यादा शुगर का स्तर खतरे की घंटी है। अगर शुगर लेवन 200 से 300 mg/dl तक पहुंच जाएं तो बॉडी को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं कि अगर शुगर लेवल 200 से 300 mg/dl तक पहुंच जाए तो बॉडी के किन अंगों को नुकसान हो सकता है। बढ़े हुए स्तर को कंट्रोल कैसे करें।
शुगर लेवल 200 से 300 mg/dl तक पहुंचने से किन अंगों को हो सकता है नुकसान:
डायबिटीज के मरीज रेगुलर ब्लड शुगर को चेक करें। ब्लड शुगर का स्तर 200 से पार जाना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। शुगर लेवल 200 से 300 mg/dl तक पहुंचने पर किडनी,लंग्स और दिल की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। शुगर बढ़ने का असर आंखों पर भी पड़ता है। ब्लड शुगर हाई होने से आंखों की रोशनी भी कम हो सकती है।
शुगर का स्तर 200 से 300 mg/dl तक पहुंचने पर कैसे करें कंट्रोल:
- रेगुलर बीपी की जांच करें और शुगर कंट्रोल करने की दवाई का सेवन करें। समय पर दवाईयों का सेवन करने से शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है।
- शुगर हाई है तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
- खाने में मीठी चीजों से परहेज करें। नमक का कम सेवन करें।
- संतुलित डाइट का सेवन करें। डाइट में 50-60 % कॉम्पलेक्स शुगर, 20-30% फैट और 30-40 फीसदी प्रोटीन का सेवन करें।
- डाइट में आलू और मैदा से परहेज करें। शराब का सेवन नहीं करें।
- डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए बॉडी को एक्टिव रखें। योगा, वॉक और एक्सरसाइज करने से बॉडी एक्टिव रहती है और तनाव कम होता है।