कोलेस्ट्रॉल खून में मौजूद चिपचिपा पदार्थ होता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है एक खराब कोलेस्ट्रॉल जिसे लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) कहा जाता है। दूसरा है गुड कोलेस्ट्रॉल जिसे हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) कहा जाता है। गुड कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। ये शरीर में जमे हुए खराब कोलेस्ट्रॉल को बॉडी से बाहर निकालता है। गुड कोलेस्ट्रॉल खून में जमने वाले फैट को कम करने में मदद करता है और हमारी धमनियों को साफ रखता है ताकी दिल तक खून का प्रवाह सही तरह से हो सके।

अगर कोलेस्ट्रॉल का स्तर 500 mg/dL को पार कर जाए तो हार्ट अटैक और स्ट्रॉक का खतरा बढ़ सकता है। शरीर में जब गंदा कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है तो बॉडी में अलग-अलग तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने किए कुछ फ्रूट्स के जूस का सेवन बेहद असरदार साबित होता है।

कुछ फ्रूट्स जूस का सेवन करके आप नसों में जमा खराब कोलेस्ट्रॉल को पिघलाकर नसों की ब्लॉकेज को क्लियर कर सकते हैं। हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक अनार और सेब का जूस कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में बेहद असरदार साबित होता है। आइए जानते हैं कि ये दोनों जूस कैसे कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं।

सेब से करें कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल

सेब एक ऐसा फल है जो लगभग पूरे साल पाया जाता है। ये फल कई बीमारियों का अकेले उपचार कर सकता है। सेब का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। सेब का सेवन अगर उसका जूस बनाकर किया जाए तो आसानी से नसों में जमा गंदे कोलेस्ट्रॉल को बॉडी से बाहर निकाला जा सकता है। सेब के जूस में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। सेब का जूस दिल की सेहत को दुरुस्त करता है और बॉडी से खराब कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालता है।

अनार के जूस से करें गंदे कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल

लाल सुर्ख अनार ना सिर्फ देखने में खूबसूरत लगता है बल्कि सेहत के लिए भी इसके अनगिनत फायदे हैं। अनार का इस्तेमाल अगर उसका जूस निकालकर किया जाए तो आसानी से खराब कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर अनार का जूस बैड कोलेस्ट्रॅाल को कम करता है और दिल की सेहत को भी दुरुस्त करता है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॅाल के लेवल को कम करने के लिए रोज़ाना एक गिलास अनार का जूस बेहद असरदार साबित होता है। अनार में हाई एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि वाले कैटेचिन होते हैं जो LDL के स्तर को कंट्रोल करते हैं।