Diabetes Early Symptoms: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत में फिलहाल करीब 77 मिलियन लोग मधुमेह बीमारी से ग्रस्त हैं, जबकि लगभग 80 मिलियन लोग प्री-डायबिटीज से पीड़ित हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि साल 2030 तक डायबिटीज के मरीजों का आंकड़ा 101 मिलियन तक पहुंच जाएगा। चीन के बाद भारत में ही दुनिया के सबसे ज्यादा लोग डायबिटीज के शिकार हैं। डायबिटीज की राजधानी भारत में ऐसा माना जाता है कि 50 फीसदी लोगों को इस बात की खबर ही नहीं होती है कि वो इस बीमारी से ग्रस्त हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि पुरुषों और महिलाओं में रक्त शर्करा बढ़ने के क्या लक्षण दिखते हैं –
पुरुषों को ज्यादा होता है खतरा: विशेषज्ञों का मानना है कि टाइप 2 डायबिटीज का असर पूरे शरीर पर दिखता है। साथ ही, ये महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग हो सकता है। कई अध्ययनों से ऐसा पता चलता है कि पुरुषों को इस बीमारी का अधिक खतरा होता है। उनमें टेस्टोस्टीरोन हार्मोन होता है जो कई मेटाबॉलिक डिजीज का कारण बन सकता है।
क्यों अलग होते हैं लक्षण: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज पुरुष और महिलाओं को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर सकता है। इसके पीछे हार्मोन, जीवन शैली से संबंधी खराब आदतें, इलाज के प्रति गंभीरता, तनाव, न्यूट्रिशन की कमी और बीमारी की जटिलता जिम्मेदार हो सकती है।
पुरुषों में क्या होते हैं ब्लड शुगर बढ़ने के लक्षण: ऐसा देखा गया है कि पुरुषों में डायबिटीज की पहचान लंबे समय तक नहीं हो पाती है क्योंकि वो डॉक्टर के पास जाने से बचते रहते हैं। जो मधुमेह के आम लक्षण होते हैं वो तो महिलाओं और पुरुषों में एक जैसे होते हैं। वहीं, पुरुषों को हाई ब्लड शुगर के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन की शिकायत हो सकती है।
इसके अलावा, पुरुषों को अगर अधिक घाव अथवा फोड़े होने की शिकायत है तो उन्हें रक्त शर्करा के स्तर की जांच करानी चाहिए। वहीं, उनमें डायबिटीज का एक लक्षण पॉली यूरिया भी होता है।
महिलाओं में डायबिटीज का संकेत: विशेषज्ञों के मुताबिक बेशक टाइप 2 डायबिटीज के पनपने का खतरा पुरुषों में ज्यादा होते हैं। लेकिन इससे होने वाली जटिलताओं से ग्रस्त होने का खतरा महिलाओं को अधिक होता है। अगर एक बार महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हो जाती हैं तो उनमें हृदय रोग, किडनी से जुड़ी बीमारी, स्ट्रोक, डिप्रेशन और घबराहट का खतरा ज्यादा होता है।
महिलाओं में ब्लड शुगर बढ़ने पर जेनाइटल यीस्ट इंफेक्शन, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसी परेशानियां होती हैं।

