कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही ज़हन में बेहद डरावनी सोच पैदा हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मौजूद समय में दुनिया के 20 फीसदी कैंसर के मरीज अकेले भारत में हैं। इस बीमारी के कारण हर साल 75000 लोगों की मौत हो जाती है। कई मामले ऐसे भी देखने को मिलते हैं जिसमें मरीज मौत को स्वीकार कर लेते हैं और इलाज तक नहीं कराते हैं। भारत में पुरुषों में सबसे ज्यादा मुंह और फेफड़ों का कैंसर और महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट और गर्भाशय कैंसर के मामले सामने आते हैं। पैंक्रियाज पेट के पीछे और छोटी आंत के पास मौजूद एक लंबा ग्लैंड है जिसका काम पाचन में मदद करना और ब्लड शुगर को कंट्रोल करना है। बॉडी के इस जरूरी ग्लैंड में कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

पैंक्रियाटिक कैंसर एक ऐसा कैंसर है जिसे साइलेंट किलर के नाम से जाना जाता है। ये कैंसर तब होता है जब पैंक्रियाज में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। कैंसर में पैंक्रियाटिक कैंसर दुनिया के सबसे कॉमन कैंसर में से एक है। ये कैंसर पेट के निचले हिस्से के पीछे वाले अंग में होता है। ये काफी खतरनाक कैंसर है जिसके लक्षणों का पता शुरूआत में नहीं लग पाता है। दुनिया में होने वाली मौतों में पैंक्रियाटिक कैंसर चौथा सबसे बड़ा कारण है। इस कैंसर के लिए हमारी 5 गलत आदतें जिम्मेदार हैं। अगर अपनी आदतों में बदलाव कर लें तो आसानी से इस घातक बीमारी से बचाव किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि पैंक्रियाटिक कैंसर के लिए कौन-कौन सी खराब आदतें जिम्मेदार हैं।

स्मोकिंग की वजह से बढ़ता है कैंसर का खतरा

तंबाकू का सेवन पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ाता है। अगर आप तम्बाकू का सेवन हुक्का पीने में या फिर सिगरेट के रूप में करते हैं तो अपनी इस आदत को बदल लीजिए। तंबाकू का सेवन पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा दोगुना कर देता है।

मोटापा भी बढ़ाता है अग्नाशय कैंसर का खतरा

बढ़ता वजन कई क्रॉनिक बीमारियों का कारण बनता है। कई रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि बढ़ता वजन पैंक्रियाटिक कैंसर को विकसित करने का खतरा 20% बढ़ा देता है।

लम्बे समय तक हाई ब्लड शुगर रहने से कैंसर का खतरा

डायबिटीज के मरीजों में पैंक्रियाटिक कैंसर होने का खतरा बहुत अधिक रहता है। डायबिटीज में भी टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को इस बीमारी का जोखिम अधिक रहता है।

अल्कोहल का अधिक सेवन करना

अल्कोहल का अधिक सेवन कैंसर का खतरा बढ़ा देता है। अल्कोहल का सेवन करने से किडनी और लिवर के रोगों की संभावना अधिक रहती है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ हार्ट के मुताबिक अल्कोहल दिल की सेहत बिगाड़ता है। ज्यादा शराब पीने से पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा अधिक रहता है।

प्रोसेस्ड मीट से कैंसर का खतरा

प्रोसेस्ड मीट ताजा लाल मांस की तुलना में कैंसर के खतरे को अधिक बढ़ाता है। नाइट्रेट और नाइट्राइट का उपयोग प्रसंस्कृत मांस को लम्बे समय तक ताज़ा रखने के लिए किया जाता है। जब हम इस मांस को खाते हैं तो नाइट्राइट कैंसर पैदा करने वाले रसायन बन सकते हैं। ये रसायन ही पैंक्रियाटिक कैंसर का कारण हो सकते हैं।