आजकल के समय में कुछ लोगों पर उम्र का असर बिल्कुल नहीं दिखता और कुछ उम्र से पहले ही बूढ़े हो जाते हैं। लोग सिर्फ लंबी उम्र नहीं, बल्कि हेल्दी और एनर्जेटिक लाइफ जीना चाहते हैं। इसके चलते ही आजकल एंटी-एजिंग सप्लीमेंट्स की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सवाल यह है कि कौन से सप्लीमेंट्स सच में असरदार हैं और किनके पीछे सिर्फ हाइप है। न्यूरोसाइंटिस्ट रॉबर्ट डब्ल्यू बी लव ने इंस्टाग्राम पर ऐसे 5 सप्लीमेंट्स के बारे में बताया है, जो वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने और एनर्जी लेवल बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
न्यूरोसाइंटिस्ट रॉबर्ट डब्ल्यू बी लव के मुताबिक, आप एंटी-एजिंग सप्लीमेंट्स की तलाश में हैं तो होनोकियोल, क्रिएटिन, पेक्टासोल, नाइट्रिक ऑक्साइड और NMN को अपनी लिस्ट में शामिल कर सकते हैं। हालांकि, हर सप्लीमेंट पर इंसानों में रिसर्च अलग-अलग लेवल पर है। ऐसे में किसी भी प्रकार का सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
होनोकियोल
होनोकिओल मैगनोलिया की छाल से प्राप्त एक प्राकृतिक यौगिक है, जिसका उपयोग एशियाई हर्बल औषधियों में लंबे समय से किया जाता रहा है। होनोकियोल मैग्नोलिया बार्क से मिलने वाला नेचुरल कंपाउंड है। होनोकियोल एशियाई हर्बल मेडिसिन में लंबे समय से इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सेल डैमेज को कम करने में मदद करते हैं। यह माइटोकॉन्ड्रियल फंक्शन सुधार सकता है, जिससे सेल्स को ज्यादा एनर्जी मिलती है। शुरुआती स्टडीज के मुताबिक, यह न्यूरोडीजेनेरेशन और कुछ कैंसर से भी बचाव कर सकता है। हालांकि, इंसानों पर इसके रिजल्ट अभी सीमित हैं, लेकिन इसे भविष्य के लिए प्रॉमिसिंग सप्लीमेंट माना जा रहा है।
क्रिएटिन
क्रिएटिन को लोग आमतौर पर मसल ग्रोथ से जोड़ते हैं, लेकिन यह बढ़ती उम्र के असर को कम करने में भी मददगार है। यह मसल्स और ब्रेन दोनों को फास्ट एनर्जी सप्लाई करता है। बुजुर्गों पर हुई रिसर्च बताती है कि क्रिएटिन मसल मास, स्ट्रेंथ और मेमोरी को बेहतर बना सकता है। यह सुरक्षित, सस्ता और सबसे ज्यादा रिसर्च किया गया सप्लीमेंट है।
पेक्टासोल
पेक्टासोल असल में मॉडिफाइड साइट्रस पेक्टिन (MCP) है, जिसे शरीर आसानी से अवशोषित कर लेता है। यह गैलेक्टिन-3 जैसे हानिकारक अणुओं से बंध जाता है, जो फाइब्रोसिस, इंफ्लेमेशन और क्रॉनिक डिजीज को बढ़ावा देते हैं। एनिमल और लैब स्टडीज बताती हैं कि MCP इंफ्लेमेशन और ऑर्गन डैमेज को कम कर सकता है। इंसानों पर स्टडी अभी सीमित हैं, लेकिन इसे लॉन्गेविटी और क्रॉनिक डिजीज सपोर्ट के लिए कॉम्प्लीमेंट्री सप्लीमेंट माना जा रहा है।
नाइट्रिक ऑक्साइड
नाइट्रिक ऑक्साइड शरीर में बनने वाला एक छोटा सा मॉलिक्यूल है, जो ब्लड वेसल्स को चौड़ा करके ब्लड फ्लो बेहतर करता है। इससे स्किन, मसल्स और ऑर्गन तक ज्यादा ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स पहुंचते हैं। यह स्किन इलास्टिसिटी और कोलेजन प्रोडक्शन को सपोर्ट करता है, जिससे झुर्रियां कम हो सकती हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड लेवल्स को बढ़ाने के लिए एल-आर्जिनिन सप्लीमेंट्स या फिर बीट और पालक जैसी हरी सब्जियों का सेवन किया जा सकता है। यह मसल फंक्शन और माइटोकॉन्ड्रियल हेल्थ को भी मजबूत करता है।
एनएमएन
NMN, NAD+ कोएंजाइम का प्रीकर्सर है, जो सेल्स की एनर्जी प्रोडक्शन और डीएनए रिपेयर के लिए जरूरी है। उम्र के साथ NAD+ लेवल घट जाता है, जिससे थकान, मेटाबॉलिज्म स्लो और उम्र से जुड़ी दिक्कतें बढ़ती हैं। एनिमल स्टडीज बताती हैं कि NMN लेने से लॉन्गेविटी और मेटाबॉलिक हेल्थ बेहतर हो सकती है। इंसानों पर शुरुआती स्टडीज के मुताबिक, यह मसल इंसुलिन सेंसिटिविटी सुधार सकता है।
वहीं, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने टॉप 10 गट-फ्रेंडली स्नैक्स शेयर किए हैं। उन्होंने बताया कि ये हेल्दी स्नैक्स पेट को हल्का रखते हैं, डाइजेशन को सपोर्ट करते हैं और एनर्जी लेवल को स्टेबल बनाए रखते हैं।