प्रेग्नेंसी के 9 महीने हर महिला के लिए बेहद नाजुक होते हैं। इन 9 महीनों में महिलाओं को तमाम तरह की चुनौतियों से होकर गुजरना पड़ता है, शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। वहीं, इन बदलावों के साथ-साथ गर्भावस्था में कई बार कुछ गंभीर परेशानियां भी महिलाओं को घेर लेती हैं। ऐसे में इम 9 महीनों में खासकर प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है, सही पोषण तत्व की जरूरत होती है, जो होने वाली मां के साथ-साथ बच्चे के विकास में भी अहम भूमिका निभाता है।
इसी कड़ी में हाल ही में पोषण विशेषज्ञ लवनीत बत्रा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर कर चार ऐसे पोषक तत्वों के बारे में बताया है, जो हेल्दी प्रेगनेंसी और हेल्दी बेबी के लिए अनिवार्य हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-
फोलेट/फोलिक एसिड
न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक, गर्भावस्था में फोलिक एसिड सबसे अधिक जरूरी है। ये पानी में घुलनशील (Water Soluble Vitamins) विटामिन बी का रूप है, जो शिशु की न्यूरल ट्यूब के निर्माण में मदद करता है। वहीं, न्यूरल ट्यूब बाद में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में विकसित होती है। ऐसे में इसकी कमी मां के साथ-साथ बच्चे के लिए भी बेहद हानिकारक साबित हो सकती है।
लवनीत बत्रा के मुताबिक, पत्तेदार हरी सब्जियां, संतरा, कीवी, ग्रेपफ्रूट और मौसम्बी जैसे खट्टे फल, फलियां और अनाज फोलेट के अच्छे स्रोत हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाएं डाइट में इन चीजों को शामिल कर बच्चे के बेहतर विकास को बढ़ावा दे सकती हैं।
प्रोटीन
प्रेग्नेंसी में मां के शरीर में प्रोटीन की सही मात्रा का होना भी जरूरी है। प्रोटीन बच्चे की कोशिका और टिश्यू विकास के लिए आवश्यकता होता है। इसी कड़ी में लवनीत बत्रा गर्भवती महिलाओं को प्रति दिन 60 ग्राम प्रोटीन लेने की सलाह देती हैं। इसके लिए आप लीन मीट, पोल्ट्री, मछली, अंडे, डेयरी प्रोडक्ट्स, फलियां और नट्स का सेवन कर सकती हैं।
डीएचए- ओमेगा -3 फैटी एसिड
न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं कि ओमेगा-3 फैटी एसिड, विशेष रूप से डीएचए यानी डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड, बच्चे के मस्तिष्क और आंखों के विकास के लिए जरूरी हैं। ऐसे में शरीर में इनकी मात्रा भी सही बनाए रखें। इसके लिए आप सैल्मन, नट्स एंड सीड्स को अपने आहार का हिस्सा बना सकते हैं। इन सब के अलावा घी भी डीएचए का एक बेहतरीन स्रोत है। ऐसे में कम से कम रोज 5 ग्राम घी का सेवन जरूर करें।
आयोडीन
इन सब के अलावा लवनीत बत्रा प्रेग्नेंसी के पहले चरण में आयोडीन को भी बेहद जरूरी बताती हैं। आयोडीन शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए जरूरी होता है। साथ ही आयोडीन की पर्याप्त मात्रा से कॉम्प्लेक्स ऑर्गन बनते हैं। हालांकि, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, प्रेगनेंट महिलाओं को 1,100 माइक्रोग्राम से ज्यादा मात्रा में आयोडीन नहीं लेना चाहिए। इससे अलग कंसीव करने के दौरान 150 माइक्रोग्राम, गर्भावस्था में 220 माइक्रोग्राम और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को 290 माइक्रोग्राम आयोडीन के सेवन की सलाह दी जाती है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।