What is Suicide Disease: जिंदगी को खुश रहकर जियो, क्योंकि… रोज शाम सिर्फ सूरज ही नहीं ढलता, आपकी अनमोल जिंदगी भी ढलती है। ये पंक्तियां इसलिए लिखी हैं, क्योंकि जरा सोचिए आप एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं और अचानक एक शाम आपको ऐसा दर्द हो जिससे आत्महत्या तक करना का ख्याल आ जाए। इसलिए ही हर शाम सिर्फ सूरज ही नहीं ढलता, कभी-कभी अनमोल और खुशहाल जिंदगी भी ढल जाती है। दरअसल, ऐसा ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली 28 साल की एमिली मॉर्टन के साथ हुआ, जब उन्हें पता चला की उन्हें सुसाइड डिजीज है। चलिए आपको बताते हैं क्या है सुसाइड डिजीज, जिसने एमिली मॉर्टन की खुशहाल जिंदगी पर ग्रहण लगा दिया।

दरअसल, तीन साल पहले ऑस्ट्रेलिया की 28 साल की एमिली मॉर्टन एक खुशहाल और साधारण जिंदगी जी रही थीं। जिन्होंने हाल ही में एंडी के साथ लव मैरिज की थी। दोनों अपनी शादी और परिवार बनाने के सपने संजो रहे थे और सब अच्छा-अच्छा चल रहा था, लेकिन एक दिन एमिली मॉर्टन को अचानक दांतों में लगातार दर्द महसूस होने लगा। शुरुआत में तो उन्होंने इस दर्द को सहन किया और ऐसे ही आम समझकर नजरअंदाज कर दिया, लेकिन धीरे-धीरे तकलीफ बढ़ने लगी और दर्द भी बढ़ने लगा। एमिली ने डेंटिस्ट को भी दिखाया, लेकिन कुछ नहीं पता चला। हालांकि, कुछ ही दिनों में दर्द असहनीय हो गया, जो एमिली के पूरे मुंह और चेहरे के दोनों तरफ फैल गया।

एमिली मॉर्टन ने बयां किया दर्द

एमिली मॉर्टन ने इस संबंध में news.com.au को बताया कि दर्द को रोकने के लिए डेंटिस्ट हर एक दांत में 24/7 ड्रिल कर रहा था और कई डेंटिस्ट और डॉक्टरों के पास जाने के बावजूद, कोई भी समस्या के बारे में नहीं बता पाया। दर्द की असली वजह को जानने के लिए एमिली मॉर्टन ने कई ब्रेन स्कैन और खून टेस्ट भी करवाए, जिसके बाद अंत में उन्हें पता चला कि उन्हें ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया की समस्या है।

ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया को सुसाइड डिजीज भी कहा जाता है। यह एक दुर्लभ और दर्दनाक स्थिति है, लेकिन सही इलाज से इस कंट्रोल किया जा सकता है। हालांकि, इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है ताकि लोग इसे गंभीरता से लें और समय रहते इसकी पहचान कर सकें और इलाज करवा सकें।

एरिजोना पेन के अनुसार, सुसाइड डिजीज एक ऐसी स्थिति है जिसे ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया कहा जाता है। यह ट्राइजेमिनल तंत्रिका के कारण होने वाले दर्द के लिए शब्द है। ट्राइजेमिनल तंत्रिका चेहरे के दोनों ओर कान के ठीक पीछे से शुरू होती है और गालों, जबड़े, होठों और नाक तक फैलती है और आपके सिर और चेहरे पर प्रभाव पड़ता है।

मुझे बिजली के झटके जैसे महसूस होने लगे- मॉर्टन

मॉर्टन ने कहा कि उसे अपने चेहरे के दोनों तरफ से बिजली के झटके जैसे महसूस होने लगे, जो उसे छूने वाली किसी भी चीज से ट्रिगर होते थे। जब भी वह बात करती, खाती या मुस्कुराती थीं तो बहुत दर्द होता है। उन्होंने बताया कि दर्द इतना गंभीर था कि वह बयां भी नहीं किया जा सकता है ये बिल्कुल बिजली गिरने जैसा है और दर्द चीखने का मन करता है।

किसी भी उम्र में हो सकती है ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया

अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ न्यूरोलॉजिकल सर्जन के अनुसार, हर साल 150,000 लोगों में ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का निदान किया जाता है। ये समस्या किसी भी उम्र में हो सकता है, यह 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में सबसे आम है।

क्या है ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया या सुसाइड डिजीज?

ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया एक स्थिति है, जिसमें चेहरे की नसों में अचानक और असहनीय झटकेदार दर्द महसूस होता है। यह दर्द आमतौर पर चेहरे के एक तरफ होता है और कुछ सेकंड से लेकर कई मिनटों तक रह सकता है और फिर धीरे-धीरे चेहरे के दोनों तरफ दर्द होने लगता है।

सुसाइड डिजीज के लक्षण

  • चेहरे के एक हिस्से में बार-बार तेज दर्द होना।
  • खाने, बात करने या हल्के स्पर्श से दर्द का ट्रिगर होना।
  • दर्द ऐसा महसूस होना जैसे बिजली का झटका।

ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया को  सुसाइड डिजीज क्यों कहा जाता है?

ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया को सुसाइड डिजीज इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसके दर्द को झेलना बेहद कठिन होता है। कई मरीज इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए आत्महत्या जैसा कदम उठाने के बारे में सोच सकते हैं।

आजकल खराब लाइफस्टाइल और खानपान के चलते कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है, जिसमें लिवर कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो तेजी बढ़ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में लगभग 38 हजार से अधिक लिवर कैंसर के मरीज हैं, जो लगातार बढ़ रहे हैं।