मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) के बीच राज्य के डीजीपी पी. डोंगल (P. Doungel) का तबादला कर दिया गया है और राजीव सिंह (IPS Rajiv Singh) को नया DGP बनाया गया है। तीन दिन पहले ही राजीव सिंह का कैडर बदला गया था। उन्हें त्रिपुरा कैडर से मणिपुर कैडर में ट्रांसफर किया गया था। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के दौरे के बीच मणिपुर सरकार (Manipur Government) ने जो नया नोटिफिकेशन जारी किया है, उसके मुताबिक राज्य के पूर्व डीजीपी पी. डोंगल को अब गृह विभाग का ओएसडी बनाया गया है।
पी. डोंगल को क्यों हटाया गया?
मणिपुर में करीब डेढ़ महीने से कुकी और मैती समुदाय आमने-सामने हैं। 1987 बैच के IPS अफसर पी. डोंगल (P. Doungel) चर्चित कुकी परिवार (Kuki Family) से ही ताल्लुक रखते हैं। मई के शुरुआती हफ्ते में जब राज्य में हिंसा की शुरुआत हुई, उसके बाद से ही डोंगल पर आरोप लग रहा था कि मणिपुर पुलिस जानबूझकर मैती विद्रोहियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है।
जूनियर अफसर को दे दी गई थी कमान
इस आरोप के बाद ही मणिपुर सरकार ने डोंगल के जूनियर अफसर और ADG आशुतोष सिन्हा को ‘ऑपरेशनल कमांडर’ नियुक्त कर दिया था। 1993 बैच के आईपीएस अफसर सिन्हा को एक तरीके से राज्य की पुलिस की कमान सौंप दी गई थी। हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में मणिपुर पुलिस के एक सीनियर अफसर के हवाले से लिखा है कि राज्य सरकार ने जानबूझकर डोंगल के जूनियर अफसर को कमांड की जिम्मेदारी सौंपी थी, क्योंकि डोंगल कुकी परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
मणिपुर सरकार ने 4 मई को एक आदेश जारी कर IPS आशुतोष सिन्हा को ऑपरेशनल कमांडर नियुक्त कर दिया था। इस आदेश में कहा गया था कि सिन्हा सीआरपीएफ के पूर्व प्रमुख और राज्य के सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह के नेतृत्व में काम करेंगे।
अब दो अफसरों पर हिंसा रोकने की जिम्मेदारी
मणिपुर में हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी अब दो अफसरों पर है, पहले हैं- सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह और दूसरे नए डीजीपी राजीव सिंह। कुलदीप सिंह को 4 मई को मणिपुर सरकार ने अपना सुरक्षा सलाहकार बनाया था। सीआरपीएफ के पूर्व प्रमुख रहे कुलदीप सिंह पिछले साल सितंबर में रिटायर हुए थे। 1986 बैच के आईपीएस कुलदीप सिंह एनआईए के प्रमुख भी रहे हैं और उन्हें सीमावर्ती राज्यों में अगुवाई का लंबा अनुभव है।
कुलदीप सिंह की नियुक्ति के बाद सरकार को एक ऐसे अफसर की तलाश थी जो मणिपुर की भौगोलिक स्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हो और यह तलाश CRPF के आईजी राजीव सिंह पर जाकर खत्म हुई। चूंकि कुलदीप सिंह और राजीव सिंह, CRPF में साथ काम कर चुके हैं। ऐसे में उन्हें फौरन मणिपुर भेजने का फैसला लिया गया।
29 मई को राजीव सिंह का कैडर बदला गया और 1 जून को डीजीपी नियुक्त कर दिया गया। 1993 बैच के आईपीएस राजीव सिंह ने कार्यभार भी संभाल लिया है। कुलदीप सिंह की तरह राजीव सिंह को भी सीमावर्ती और हिंसाग्रस्त इलाकों में काम करने का लंबा अनुभव है। बेहद तेज-तर्रार अफसर माने जाते हैं।
हिंसा में अब तक कितनी मौत?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर हिंसा में अब तक कम से कम 75 लोगों की मौत हो चुकी है। गृह मंत्री अमित शाह राज्य के दौरे पर हैं और लगातार शांति की अपील कर रहे हैं। उन्होंने 1 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मणिपुर हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। कुछ केसेज की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। गृह मंत्री ने उग्रवादियों से हथियार सरेंडर करने की अपील भी की है।