Health Tips for Diabetic Patients: मधुमेह शब्द अब अधिकांश लोगों के लिए परिचित है। हम सभी मधुमेह, ब्लड शुगर टेस्ट, इंसुलिन जैसे शब्दों के आदी हैं। लेकिन हम में से बहुत से लोगों को डर होता है कि हमें भी कभी न कभी मधुमेह हो जाएगा। इसलिए हम यह जानने जा रहे हैं कि मधुमेह क्या है? डायबिटीज होने से पहले ही उसे रोकने के लिए क्या प्रयास करने चाहिए और मधुमेह के मरीजों को मीठी चीजों से दूरियां क्यों बनानी चाहिए? ब्लड शुगर और चीनी का आपस में क्या संबंध है? आइए विस्तार से जानते हैं-

WHO के मुताबिक मधुमेह एक लाईलाज बीमारी है, यह जिसे भी होता है आजीवन उसके साथ रहता है। यह स्तिथि तब उत्पन्न होती है जब ब्लड में शुगर का स्तर एक निश्चित सीमा से ऊपर हो जाता है। मधुमेह के दो मुख्य प्रकार हैं, जिसमें पहला टाइप वन मधुमेह – इस प्रकार में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं पर हमला करती है। और दूसरा टाइप 2 मधुमेह– इसमें शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है या शरीर में कोशिकाएं इंसुलिन का जवाब नहीं देती हैं। इस तरह के मरीज काफी संख्या में मिल रहे हैं।

एक अन्य प्रकार भी है जिसे जेस्टेशनल डायबिटीज कहते हैं। इसमें गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है, इसलिए उनका शरीर उन्हें एडजस्ट करने के लिए पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। दूसरा अन्य प्रकार प्री-डायबिटीज होता है। बहुत से लोगों का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक प्रतीत होता है। लेकिन यह इतना नहीं होता है कि इसे मधुमेह कहा जा सके। इस स्थिति को प्री-डायबिटीज कहा जाता है।

शुगर और फूड्स का आपस में संबंध | Relationship between Sugar and Foods

शक्कर हमारे भोजन की आपूर्ति में पहले से शामिल हैं। यह पहले से ही दूध, दही, फल और सब्जियों सहित कई अन्य खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप मौजूद है। इसके अलावा हम ऊपर से चीनी का सेवन करते हैं। शक्कर कई रूपों में आती है। ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और सुक्रोज आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली शक्कर हैं। फलों और पौधों के रस में स्वाभाविक रूप से ग्लूकोज होता है।

अधिकांश कार्बोहाइड्रेट पाचन के दौरान ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाते हैं और यह भी चीनी का एक रूप है जो हमारे खून में पाया जाता है। फ्रुक्टोज फलों, कुछ सब्जियों, गन्ने की चीनी और शहद में पाया जाता है। ग्लूकोज के साथ कम्बाइन्ड फ्रुक्टोज डिसैक्राइड सुक्रोज (Combined Fructose Disaccharides – Sucrose) बनाता है। सुक्रोज गन्ने के तने और चुकंदर की जड़ों में पाया जाता है। यह स्वाभाविक रूप से फ्रुक्टोज और ग्लूकोज के साथ फलों और कुछ जड़ वाली सब्जियों जैसे स्क्वैश में भी होता है। माल्टोज कुछ अनाजों (जैसे जौ) में पाया जाता है और ग्लूकोज, फ्रुक्टोज या सुक्रोज की तुलना में कम मीठा होता है। लैक्टोज दूध और अन्य डेयरी उत्पादों में पाया जाता है।

शुगर फ्री क्या है ? | What is Free Sugar?

फ्री शुगर वह हैं जिन्हें उनके मूल स्रोत से हटा दिया जाता है और खाद्य पदार्थों में स्वीटनर या प्रीज़र्वटिव (Preservative) के रूप में जोड़ा जाता है। गन्ने का रस, कॉर्न सिरप, ब्राउन राइस सिरप, जौ माल्ट, एगेव नेक्टर और कान्सन्ट्रैट फलों के जूस के रूप में फ्री शुगर के कई अलग-अलग रूप हैं।

मधुमेह मरीजों पर चीनी के सेवन का प्रभाव | Effect of sugar consumption on Diabetic patients

डबल्यूएचओ के शोध में एक बाद सामने आई कि चीनी का सेवन करने वाले लोगों में वजन अप्रत्याशित रूप से बढ़ा, जबकि बिना शक्कर भोजन करने वालों में वजन की कमी देखी गई। WHO ने शोध ने पाया कि वजह बढ़ने के साथ व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर लेवल में भी बढ़ोतरी हुई है।

वहीं एक अन्य शोध में यह भी साबित हुआ की टाइप 2 मधुमेह और अधिक वजन के साथ मोटापे को कंट्रोल कर रहे लोगों द्वारा चीनी के सेवन पर विधिवत विचार किया जाना चाहिए। जबकि मधुमेह वाले लोगों द्वारा मध्यम मात्रा में चीनी का सुरक्षित रूप से सेवन किया जा सकता है। हालांकि हो सके तो प्राकृतिक रूप से चीनी का सेवन करें, जैसे फल आदि।

शुगर से डायबिटीज के विकास का खतरा | Risk of developing diabetes from sugar

शोधकर्ताओं के मुताबिक शीतल पेय यानि कोल्ड ड्रिंक्स के साथ-साथ अन्य चीनी-मीठे पेय जैसे स्पोर्ट्स ड्रिंक, फ्रूट ड्रिंक, नींबू पानी, मिश्रित कॉफी पेय और आइस्ड टी शामिल हैं। उनमें बड़ी मात्रा में आसानी से अवशोषित होने वाली चीनी होती है और इसमें पोषक तत्वों की कमी भी होती है। सॉफ्ट ड्रिंक (यानी कोला) की एक ‘सर्विंग’ में लगभग 40 ग्राम (लगभग 10 चम्मच) चीनी होती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि मीठे कार्बोनेटेड ड्रिंक्स के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज और जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।

चीनी और ब्लड शुगर का आपस में संबंध | Does Sugar Cause Diabetes?

मीठे का सेवन कम करना कई दृष्टिकोणों से एक स्वस्थ विकल्प है। इसके कई स्वास्थ्य लाभ होंगे, जिनमें दंत क्षय को रोकना और कम करना, मोटापा और वजन बढ़ना कम करना और मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी अन्य बीमारियों पर अनुकूल प्रभाव पड़ना शामिल है। चूंकि डायबिटीज में शरीर खून में मौजूद शुगर को सोखने में असमर्थ हो जाता है, ऐसे में अतिरिक्त चीनी शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ा सकती है; जिससे व्यक्ति को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

डायबिटीज मरीजों को मीठी चीजें क्यों नहीं खानी चाहिए? | Can diabetics eat sweets?

डॉक्टरों के मुताबिक डायबिटीज में शुगर से परहेज करने की सलाह दो कारणों से दी जाती है। एक तो अक्सर चीनी के सेवन से व्यक्ति अधिक कैलोरी लेता है। जिससे वजन बढ़ता है। अधिक वजन होने से इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है और कोशिकाएं इंसुलिन का जवाब देना बंद कर देती हैं। जिससे शरीर का ब्लड शुगर लेवल गड़बड़ा जाता है।

दूसरी ओर प्रोसेस्ड शुगर का सेवन खून में शुगर के अवशोषण को तेज करता है। जिससे ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ जाता है। वहीं हाई ग्लाइसेमिक के कारण चीनी तेजी से ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। दरअसल हाई ग्लाइसेमिक फूड्स तेजी से ब्लड में शुगर की मात्रा तेजी से बढ़ाते हैं। अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के अनुसार, मधुमेह वाले लोग इन सबके बावजूद मिठाई, चॉकलेट या अन्य मीठे खाद्य पदार्थ खा सकते हैं, लेकिन उसके लिए सख्त व्यायाम रूटीन और हेल्दी डाइट को फॉलो करना होगा।

Hemoglobin A1C (HbA1c) Test कराना जरूरी

NIH: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज के अनुसार यदि आपको मधुमेह है, तो अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए रोजाना भी आपको अपना ब्लड शुगर लेवल टेस्ट करना पड़ सकता है। पिछले 3 महीनों के रिकार्ड के लिए A1C का टेस्ट भी करवाना चाहिए।