अमिताभ सिन्हा, अन्नोना दत्त
चीन में एक बार फिर कोरोना महामारी से तबाही मची हुई है। आधिकारिक आंकड़ों से इतर आने वाले महीनों में दस लाख से अधिक लोगों की मौत होने की आशंका है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने सोमवार को पांच और रविवार को दो मौतों की सूचना दी, जिससे कुल मौतों की संख्या 5,242 हो गई है।
सोमवार को लगभग 2,700 नए मामले दर्ज किए गए। यह आंकड़ा कुछ हफ़्ते पहले रिपोर्ट किए गए लगभग 40,000 मामलों की तुलना में काफी कम है। हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स का मानना है कि स्थिति कहीं अधिक गंभीर है।
चीन में क्यों बढ़ रहे हैं कोविड-19 के मामले?
चीन में भारी विरोधी प्रदर्शन के बाद सरकार ने कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों में ढील दी थी। उसके बाद से ही देश में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस महीने के पहले दो हफ्तों में रोजाना दर्ज होने वाले मामलों की संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है। जबकि आधिकारिक आंकड़ों में कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या में कमी आयी है।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि चीन के अस्पतालों में भीड़ बढ़ गयी है, फ्लू की दवाओं की कमी है और स्कूलों को ऑनलाइन किया जा रहा है। बता दें कि कोविड-19 से निपटने के लिए चीन पिछले तीन वर्षों से Zero Covid नीति अपनाए हुए है।
क्या है Zero Covid नीति?
Zero Covid नीति के तहत कोविड-19 से निपटने के लिए अत्यंत प्रतिबंधात्मक उपाय अपनाए जाते हैं। कोविड-19 के सभी ज्ञात मामलों यहां तक कि एसिम्टोमैटिक व्यक्ति को भी अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य होता है। किसी क्षेत्र में छोटे से छोटे आउटब्रेक के बाद सख्त लॉकडाउन लगा दिया जाता है। साथ ही सभी संदिग्ध केस और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को लंबे समय तक आइसोलेशन में रखा जाता है। विदेशी यात्रियों को अनिवार्य रूप से 10 दिनों के आइसोलेशन में रहना पड़ता है।
Zero Covid नीति क्यों हुई फेल?
चीन Zero Covid नीति भले ही कठिन हो लेकिन वह तीन साल तक वायरस के प्रसार को रोकने में प्रभावी रहा। हालांकि इसका एक दूसरा मतलब यह निकलता है कि वहां की एक बड़ी आबादी कभी भी वायरस से संक्रमित नहीं हुई। इसका नुकसान यह हुआ कि ऐसे लोगों के भीतर कोविड-19 के खिलाफ नेचुरल इम्यूनिटी विकसित नहीं हो पायी, जिससे वह बेहद संवेदनशील हो गए।
ऐसे में जो भी केस Zero Covid नीति के पकड़ में नहीं आया, उसने तेजी से एक बड़ी आबादी को संक्रमित कर दिया। इस साल मार्च-अप्रैल में ऐसा ही हुआ था।
